MF हेल्पलाइन : अपने इन्वेस्टमेंट को समय-समय पर चेक करना है जरूरी! तभी बनेगा मोटा मुनाफा
म्यूचुअल फंड (MF) में आप जब भी निवेश करते हैं तो आपका लक्ष्य होता है मोटा मुनाफा कमाना. मोटा मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि आप अपने पोर्टफोलियो को स्वच्छ यानि डायवर्सिफाई रखें.
निवेश की पहली सीढ़ी है कि आप लक्ष्य तय करें. (Dna)
निवेश की पहली सीढ़ी है कि आप लक्ष्य तय करें. (Dna)
म्यूचुअल फंड (MF) में आप जब भी निवेश करते हैं तो आपका लक्ष्य होता है मोटा मुनाफा कमाना. मोटा मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि आप अपने पोर्टफोलियो को स्वच्छ यानि डायवर्सिफाई रखें. पोर्टफोलियो स्वच्छ होगा, तो आपको स्वस्थ यानि अच्छा रिटर्न जरूर मिलेगा तो कैसे तैयार करें स्वच्छ पोर्टफोलियो? पोर्टफोलियो को स्वच्छ रखने के लिए क्या करें? और कैसे आप स्वच्छ पोर्टफोलियो से स्वस्थ रिटर्न हासिल कर सकते हैं. जी बिजनेस की म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन में हम फौजी इनिशिएटिव्स के CEO रिटायर्ड कर्नल संजीव गोविला ने MF में बड़ा प्रॉफिट कमाने के गुर सिखाए.
स्वच्छ पोर्टफोलियो, स्वस्थ रिटर्न : लक्ष्यों के लिए निवेश
> जीवन के सभी तरह के लक्ष्यों के लिए निवेश कर सकते हैं
> छोटी अवधि के हों चाहे लंबी अवधि के, निवेश से होंगे हासिल
> निवेश करने से लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाते हैं
> जितना लंबा लक्ष्य, उतनी लंबी अवधि के लिए निवेश करें
> निवेश के दौरान अपेक्षित रिटर्न, महंगाई को ध्यान रखें
> लक्ष्य तब ही हासिल होंगे, जब सही असेट क्लास चुनेंगे
> लंबी अवधि के लक्ष्य हैं तो इक्विटी में निवेश बेहतर
> छोटी अवधि के गोल हैं तो कॉरपोरेट FD, डेट फंड्स सही
लक्ष्य आधारित निवेश क्यों जरूरी?
> निवेश की पहली सीढ़ी है कि आप लक्ष्य तय करें
> लक्ष्य तय कर निवेश करने से कई फायदे होते हैं
> पता होता है कि कितना और कहां निवेश करना है?
> लक्ष्य आधारित निवेश वित्तीय चिंता कम करता है
> लक्ष्य सामने आने पर आपके पास जरूरी फंड होगा
> लक्ष्य आधारित न होने से निवेश निरंतर रहना मुश्किल
> हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए निवेश विद्ड्रॉ कर लेते हैं
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रिस्क कैलकुलेशन
> निवेश के लिए इंस्ट्रूमेंट्स चुनते वक्त रिस्क सबसे अहम फैक्टर
> सलाहकार आपकी रिस्क एपेटाइट जानने की कोशिश करता है
> निवेश से पहले अपने जोखिम क्षमता का आकलन जरूर करें
> अलग-अलग मानकों पर जोखिम क्षमता नापें फिर निवेश करें
> जोखिम क्षमता पता होने से आप सही जगह निवेश करते हैं
> सही निवेश की रणनीति आपको नुकसान होने से बचाती है
> जहां ज्यादा जोखिम होगा, वहां ज्यादा रिटर्न मिलेगा
पोर्टफोलियो में जरूरत से ज्यादा फंड
> पोर्टफोलियो को डायवर्सिपाई करना फायदेमंद होता है
> ओवर डायवर्सिफिकेशन निवेश के लिए खराब स्थिति
> ओवर डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो को मैनेज करना चुनौती
> सभी फंड्स को मॉनिटर कर पाना काफी मुश्किल होता है
पोर्टफोलियो में कितने फंड रखने सही?
> एक आदर्श निवेश पोर्टफोलियो में 6-7 फंड्स काफी होते हैं
> फंड्स की संख्या समय बढ़ने के साथ बढ़ सकती है
> पोर्टफोलियो वैल्यू, विशेष जरूरतों के लिए फंड बढ़ा सकते हैं
> आपका आदर्श पोर्टफोलियो कैसा हो, ये आपके लक्ष्यों पर निर्भर
> निवेशक की रिस्क प्रोफाइल, उम्र, पोर्टफोलियो की वैल्यू भी अहम
ओवर डायवर्सिफिकेशन कैसे पता करें?
> पोर्टफोलियो को आप ट्रैक नहीं कर पा रहे हैं
> पोर्टफोलियो को रिव्यू करने में दिक्कत आ रही है
> सभी फंड्स को मॉनिटर कर पाना मुश्किल हो रहा है
> ऐसे में आपका पोर्टफोलियो ओवर डायवर्सिफाई है
> आम तौर पर हर कैटेगरी का एक फंड रखना सही
> एक कैटेगरी से ही एक से ज्यादा फंड रखते हैं
> ऐसे में आपका पोर्टफोलियो ओवर-डायवर्सिफाई है
संतुलित पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?
> संतुलित पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए कई चीजें देखें
> निवेशक की प्रोफाइल के आधार पर पोर्टफोलियो तैयार करें
> निवेशक की उम्र, नेट वर्थ, जोखिम क्षमता की गणना करें
> निवेश अवधि और रकम देखना भी बेहद जरूरी है
असेट एलोकेशन कैसे करें?
> असेट एलोकेशन तय करने के लिए कुछ फैक्टर देखें
> जोखिम क्षमता, कितना जोखिम उठा सकते हैं?
> वित्तीय लक्ष्य, आपके लक्ष्य क्या हैं?
> अनुभव, निवेश में आपका पिछला अनुभव कैसा रहा?
> बाजार का हाल, मौजूदा समय में बाजार का क्या हाल है?
पोर्टफोलियो रिव्यू करें
> पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करते रहें
> कम से कम 6 महीने में एक बार रिव्यू करना बेहतर
> पोर्टफोलियो रिव्यू करने से फंड का प्रदर्शन पता चलेगा
> लक्ष्य बदलते हैं, निवेश की रकम बढ़ानी है तो रिव्यू करें
> पोर्टफोलियो रिव्यू करने से रीबैलेंसिंग में मदद मिलती है
5,000 रुपए के SIP के लिए कितने फंड?
> 5000 रुपए का SIP कर रहे हैं तो 2-3 फंड काफी
> इक्विटी या डेट, ये रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर
> जोखिम क्षमता, गोल्स के आधार पर फंड चुनें
10 से 15 हजार रुपए का SIP
> 10 से 15 हजार रुपए की SIP कर रहे हैं
> ऐसे में आपके लिए 4 से 6 फंड्स काफी
> इक्विटी या डेट, ये रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर
> जोखिम क्षमता, गोल्स के आधार पर फंड चुनें
15 से 25 हजार रुपए का SIP
> 4 से 6 फंड्स लेना काफी बेहतर होता है
> इक्विटी या डेट, ये रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर
> जोखिम क्षमता, गोल्स के आधार पर फंड चुनें
> लंबी अवधि के लक्ष्य हैं तो इक्विटी चुन सकते हैं
25 से 35 हजार रुपए का SIP
> 6 से 7 फंड ही पोर्टफोलियो में रखें
> इक्विटी या डेट, ये रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर
> MF के अलावा अन्य निवेश को देखना भी अहम
35 हजार रुपए और ज्यादा का SIP
> 35,000 या इससे ज्यादा की SIP करते हैं
> पोर्टफोलियो में 6 से 8 फंड्स रखना बेहतर
> इक्विटी या डेट, ये रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर
> जोखिम क्षमता, गोल्स के आधार पर फंड चुनें
#LIVE | #MutualFundHelpline : स्वच्छ पोर्टफोलियो से मिलेगा स्वस्थ रिटर्न, सही रणनीति से दूर होगा घाटे का प्रदूषण। https://t.co/dQC2dZqbcc
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 1, 2019
संजीव के पसंदीदा फंड्स ; लंबी अवधि
> SBI Small Cap Fund
> L&T Mid Cap Fund
> HDFC Mid Cap Opportunities Fund
> Kotak Standard Multi Cap Fund
> Motilal Oswal Multi Cap 35 Fund
> Mirae Asset Large Cap Fund
> Axis Blue Chip Fund
मध्य अवधि
> Axis Blue Chip Fund
> Mirae Asset Hybrid Equity Fund
> ICICI Pru Balanced Advantage Fund
डेट फंड्स
> ICICI Prudential Regular Savings Fund
> Franklin India Corporate Debt Fund
छोटी अवधि
> SBI Magnum Low Duration Fund
> Kotak Low Duration Fund
> Franklin India Ultra Short Bond Fund
> Aditya Birla Sunlife Savings Fund
08:03 PM IST