कमाई का शानदार मौका! कोटक महिंद्रा MF ने पेश किया नया फंड- 5000 रुपए से शुरू कर सकते हैं निवेश
Manufacture in India scheme: कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Kotak Mahindra AMC) ने कोटक मैन्युफैक्चर-इन-इंडिया फंड लॉन्च करने की घोषणा की है. इसमें आप मिनिमम 5,000 रुपए के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
Manufacture in India scheme: अगर आप इन्वेस्टमेंट प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छा मौका आया है. आपके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश का नया ऑप्शन आया है. कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Kotak Mahindra AMC) ने कोटक मैन्युफैक्चर-इन-इंडिया फंड लॉन्च करने की घोषणा की है. न्यू फंड ऑफर (NFO) एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है. इसमें आप 15 फरवरी तक सब्सक्रिप्शन कर सकते हैं. इस फंड का प्रबंधन हरीश कृष्णन इक्विटी और अभिषेक बिसेन डेट करेंगे. वहीं आप इसमें मिनिमम 5,000 रुपए के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. आइए जानते हैं फंड हाउस ने नए फंड को लेकर क्या दी जानकारी.
फंड हाउस के अनुसार, चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम जैसे PLI Scheme, 10% ऑटोमेटिक FDI, टैक्स कटौती, सिंगल-विंडो क्लियरेंस (Single Window Clearance), इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर और Import Duty प्रोटेक्शन की वजह से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अपनी अच्छी परफॉर्मेंस देने के लिए इसमें आगे बढ़ रहे हैं. यह स्कीम मैन्युफैक्चरिंग सब्जेक्ट को फॉलो करने वाली कंपनियों के विविध पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करके कैपिटल एप्रिसिएशन जनरेट करने की कोशिश करेगी.
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कितना कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट
इस फंड में इन्वेस्टर्स मिनिमम 5,000 रुपए की अमाउंट के साथ इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं, जिसके बाद 1 रुपये के गुणक में इन्वेस्ट किया जा सकता है. बता दें NFO 1 फरवरी से सब्सक्रिप्शन के खुल चुका है, जो कि 15 फरवरी तक खुला रहेगा.
क्या हो सकता है जोखिम
फंड हाउस ने इस स्कीम से जुड़े एक जोखिम के बारे में भी बताया है. इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था और बिजनेस सेंटीमेंट्स को प्रभावित करने वाले कोविड के कई वैरिएंट्स, कमोडिटी की ऊंची कीमतें और महंगाई से पूंजी की लागत में बढ़ोतरी, सरकारी नीतियों में फ्लिप-फ्लॉप और जियो-पॉलिटिकल टेंशन से कच्चे माल या इंटरमीडिएट्स की उपलब्धता को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स शामिल हैं.
इसको लेकर जानकारी साझा करते हुए कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ग्रुप प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा कि, '1980 के दशक में भारत मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ से चूक गया. हमने दुनिया में बैक ऑफिस बनने के लिए सॉफ्टवेयर जैसी सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. यह हमारे लिए विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार करने और हमारे निर्यात बाजार हिस्सेदारी में सुधार करने का एक उपयुक्त समय है. इस एनएफओ के साथ हमें उम्मीद है कि विनिर्माण मे निवेशक भारत की विकास गाथा में भाग लेकर लाभान्वित हो सकते हैं.'