आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म अधिसूचित कर दिया है, जिसमें कई बदलाव भी किए गए हैं. नए बदलावों के तहत यदि कोई व्यक्ति आईटीआर 2 फाइल कर रहा है और उसे आवासीय प्रापर्टी से आय हुई है, तो उसे रिटर्न के साथ किरायेदार का विवरण और उसका पैन या टैन जमा करना होगा. आईटीआर 2 वे लोग फाइल करते हैं, जिन्हें व्यापार को लाभ-हानि या खुद की प्रैक्टिस से आय न होती हो. आईटीआर 2 के दायरे में वेतनभोगी और पेंशन पाने वाले शामिल हैं.

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केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक आईटीआर 2 भरने वाले व्यक्ति जिन्हें आवासीय प्रापर्टी से आय होती है, उन्हें नए प्रावधानों के मुताबिक किरायेदार का पैन या टिन जमा करना होगा. इससे पहले सरकार ने इस बजट में आम आदमी को एक बड़ी राहत देते हुए दो घर रखने वाले व्यक्ति को दूसरे घर से मिलने वाले काल्पनिक किराये (नोशनल रेंट) पर टैक्स से छूट की घोषणा की थी.

इसके अलावा जो लोग चंदा देते हैं और कर छूट का दावा करते हैं, तो उन्हें चंदा पाने वाले का नाम, पता और पैन देना होगा. इसी तरह कृषि आय का भी अब विस्तृत ब्यौरा देना होगा. उन्हें यह भी बताना होगा कि यह जमीन उनकी है या पट्टे पर. क्या यह सिंचित है या फिर वर्षा आधारित क्षेत्र है. माना जा रहा है कि आईटीआर में हुए ताजा बदलावों से कर चोरी रोकने में सफलता मिलेगी. दूसरी ओर कंपनियों के निदेशकों, गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के निवेशकों के लिए सहज और सुगम फॉर्म में रिटर्न भरने से रोक लगा दी है.