How much HRA can be claimed in ITR: भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इंडिविजुअल और बिजनेसेज द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए असेसमेंट फॉर्म नोटिफाई (ITR forms for ay 2023 24) कर दिए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल ये फॉर्म अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी कर दिए गए थे. इनकम टैक्स बचाने के लिए कई तरह के निवेश आपकी मदद करते हैं. इनमें से एक हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए भी है. आप यदि सैलरीड कर्मचारी हैं तो इसका फायदा उठा सकते हैं.  आपको बता दें कि टैक्स बचाने के लिए एचआरए का फायदा केवल पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही उठा सकते हैं. नई टैक्स व्यवस्था में ये नहीं मिलेगा.       

इन परिस्थिति में मिलेगा फायदा

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सैलरी में हाउस रेंट अलाउंस यानी (HRA) टैक्सेबल इनकम का हिस्सा होता है.आयकर अधिनियम की धारा 10 (13A) के तहत इनकम टैक्स पर छूट मिलती है. HRA से कितना टैक्स बचा सकते हैं इसके लिए कुछ परिस्थितियों को ध्यान रखें. जिस परिस्थिति में सबसे कम रकम आएगी, उसमें एचआरए की टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. पहली परिस्थिति में सबसे पहले आप देखें कि सैलरी में कितना HRA है. मेट्रो शहर में बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा और नॉन मेट्रो शहर में सैलरी का 40 फीसदी हिस्सा एचआरए का होता है. तीसरी परिस्थिति है सालाना मकान के किराए में से सालाना सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद बची रकम. 

ऐसे कर सकते हैं बचत 

 

एचआरए में आप कितनी बचत कर सकते हैं इसे आप एक उदाहरण के जरिए समझ सकते हैं. कोई व्यक्ति दिल्ली में नौकरी करता है और किराए के घर पर रहता है. उसका हर महीने किराया 15 हजार रुपए जाता है. उसे अपनी कंपनी से सालाना अधिकतम एक लाख रुपए बतौर एचआरए मिलता है. वहीं, उसकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपए है और महंगाई भत्ता दो हजार रुपए है. इस तरह से नौकरीपेशा शख्स अधिकतम एक लाख रुपए की बचत कर सकते हैं.     

ये डॉक्यूमेंट्स हैं जरूरी

हाउस रेंट अलाउंस के जरिए छूट पाने के लिए आपके पास सबसे पहले रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है. इस एग्रीमेंट में मंथली किराया, एग्रीमेंट की तय समय सीमा, और खर्चों का जिक्र होना चाहिए. ये रेंट एग्रीमेंट 100 या 200 रुपए के स्टांप पेपर में होना चाहिए. वहीं, सालाना रेंट यदि एक लाख रुपए से अधिक है तो मकान मालिक का पैन कार्ड होना भी जरूरी है. इसके अलावा आपके पास रेंट चुकाने की रसीद भी होनी चाहिए. आपको बता दें कि यदि आपकी सालाना कमाई 50 लाख रुपए तक है तो आपको आईटीआर फाइलिंग के लिए फॉर्म 1 भरना होगा. 50 लाख से ज्यादा कमाई वालों को आईटीआर फॉर्म 2 भरना होगा.