Sukanya Samriddhi Yojana: मैच्योरिटी से पहले निकालना हो पैसा तो जान लीजिए क्या हैं नियम और शर्तें
सुकन्या समृद्धि योजना में 15 सालों तक आपको निवेश करना होता है. 21 साल में अकाउंट मैच्योर हो जाता है और आपको ब्याज के साथ पैसा मिल जाता है. लेकिन अगर आप 21 साल से पहले इस अकाउंट से पैसों की निकासी करना चाहें, तो कुछ खास स्थितियों में कर सकते हैं.
इस स्कीम में लगातार 15 सालों तक आपको निवेश करना होता है और 21 साल में अकाउंट मैच्योर हो जाता है.
इस स्कीम में लगातार 15 सालों तक आपको निवेश करना होता है और 21 साल में अकाउंट मैच्योर हो जाता है.
अगर आप बेटी के माता-पिता हैं और उसके भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं तो आप सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में निवेश कर सकते हैं. कोई भारतीय नागरिक अपनी 10 वर्ष के कम उम्र की बेटी के लिए इसमें निवेश कर सकता है. इस स्कीम के तहत सालाना कम से कम 250 रुपए और अधिकतम 1.50 लाख रुपए निवेश किए जा सकते हैं. इस स्कीम में लगातार 15 सालों तक आपको निवेश करना होता है. इसके बाद अगले छह साल तक ये अकाउंट जारी रहता है और 21 साल में अकाउंट मैच्योर हो जाता है और आपको ब्याज के साथ पैसा मिल जाता है. लेकिन अगर आप 21 साल से पहले इस अकाउंट से पैसों की निकासी करना चाहें, तो कुछ खास स्थितियों में कर सकते हैं.
बेटी की शादी होने पर
अगर आपकी बेटी की शादी 18 साल की उम्र पर होती है तो आप अकाउंट में मौजूद बैलेंस की 50 प्रतिशत रकम निकाल सकते हैं. लेकिन ये 50 प्रतिशत पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस का होता है. इसके लिए पैसे को लड़की की शादी से एक महीने पहले से लेकर शादी के बाद तीन महीने तक निकाला जा सकता है.
हायर स्टडीज के लिए
अगर आप 10वीं के बाद बच्ची को हायर स्टडीज के लिए भेजना चाहते हैं और इसके लिए आपको पैसों की जरूरत है, तो आप बेटी की उम्र 18 साल पूरी होने के बाद 50 प्रतिशत तक रकम की निकासी कर सकते हैं. ये रकम भी पिछले वित्त वर्ष के कुल बैलेंस की 50 प्रतिशत हो सकती है. लेकिन इसके लिए आपको हायर स्टडीज के लिए प्रूफ देना होगा.
लड़की की मृत्यु होने पर
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अगर लड़की की उम्र स्कीम के मैच्योर होने से पहले हो जाती है, तो उसके माता-पिता को इस योजना में निवेश किया गया पैसा ब्याज के साथ मिल जाता है. हालांकि इसके लिए लड़की की मृत्यु का प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है.
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इन स्थितियों में बंद करवा सकते हैं अकाउंट
- अगर मैच्योरिटी से पहले ही बच्ची के कानूनी अभिभावक की मृत्यु हो जाती है, तो अकाउंट को बीच में ही बंद करवाया जा सकता है. लेकिन ये सुविधा खाता खोलने के 5 साल बाद मिलती है.
- अगर अकाउंट होल्डर बच्ची को कोई जानलेवा बीमारी हो जाती है. इलाज के लिए पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अकाउंट को बंद करवा सकते हैं. लेकिन ये सुविधा भी 5 साल बाद ही मिलती है.
- भारत की नागरकिता छोड़ देने पर भी आपका खाता बंद मान लिया जाता है. ऐसे में ब्याज जोड़कर सारा पैसा वापस कर दिया जाता है. लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश में सेटल हुए हैं, लेकिन भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है, तो इस अकाउंट को मैच्योरिटी पूरी होने तक जारी रखा जा सकता है.
02:25 PM IST