फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट हमेशा से ऐसे निवेशकों की पंसद रहा है, जो रिस्क न लेकर एक स्टेबल रिटर्न की चाह रखते हैं. इस फेस्टिव सीजन में अगर आपके साथ ऐसी सिचुएशन है कि अचानक कैश का विंडफॉल हुआ है, या फिर आपके पास कुछ पैसे जमा हुए हैं, जिन्हें आप निवेश में लगाना चाहते हैं, लेकिन अपनी पूंजी पर ज्यादा रिस्क भी नहीं लेना चाहते तो आपके लिए फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन बढ़िया हो सकता है. लेकिन सवाल है कि फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट का मतलब क्या है? जैसा कि नाम से ही साफ है कि निवेश के ऐसे माध्यम जो आपको मैच्योरिटी तक एक बंधी-बधाई गारंटीड रिटर्न देते हैं. और मैच्योरिटी पर निवेशक को उसका मूलधन भी वापस मिल जाता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट ऐसे असेट या सिक्योरिटी को कहते हैं, जो इन्वेस्टर को फिक्स्ड इंटरेस्ट या डिविडेंड के तौर पर एक स्टेडी कैश फ्लो देता है. रिस्क वाले असेट्स जितना प्रॉफिट आपको यहां भले ही न मिले, लेकिन आप ज्यादा बेफिक्र रह सकते हैं.

फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स में सरकारी या कॉरपोरेट बॉन्ड, या फिर सरकारी सेविंग्स स्कीम जैसे कई ऑप्शन्स आपको मिल जाएंगे. इसके अलावा फिक्स्ड इनकम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) और फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंड भी इसमें शामिल हैं. हम यहां कुछ ऐसे ही विकल्पों पर नजर डालेंगे.

Debt Funds

Debt funds सरकारी या कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं. इनमें जोखिम कम होता है, लेकिन रिटर्न भी उसी हिसाब से कम होता है. चूंकि इसी वजह से इसे सेफ इन्वेस्टमेंट माना जाता है.

सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (Senior Citizens Savings Scheme)

60 साल के ऊपर के लोगों के लिए यह अच्छा निवेश का ऑप्शन है. इसमें लो टैक्स ब्रेकेट होता है और रेगुलर इनकम आती रहती है. इसमें निवेश की अवधि पांच साल होती है, जिसे अगले तीन साल और बढ़ाया जा सकता है. इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund)

पीपीएफ या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड निवेश की एक पॉपुलर स्कीम है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए यह आपके बड़े काम आ सकती है. इसमें अच्छे इंटरेस्ट रेट पर रिटर्न मिलता है और टैक्स में छूट भी मिलती है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C में यह निवेश दिखाने पर आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो सकती है. इसमें एक साल में डेढ़ लाख तक की रकम निवेश की जा सकती है.

वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund)

वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड भी पीपीएफ जैसा ही है, यह बस किसी सैलरीड इंप्लॉई की ओर से अपनी मर्जी से लिया गया सैलरी कट होता है, जो उसके प्रॉविडेंट फंड अकाउंट में जमा होता रहता है और इससे लॉन्ग टर्म के लिए वेल्थ एक्युमुलेट कर सकता है.

इसके अलावा प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे कई और ऑप्शंस हैं, जो आपको फिक्स्ड इनकम दे सकते हैं.