Akshaya Tritiya 2023 Gold Price: सोने की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में आए उछाल का असर अक्षय तृतीया के त्योहार पर होने वाली गहनों की बिक्री पर देखने को मिल सकता है. आभूषण विक्रेताओं ने इस बार अक्षय तृतीया पर बिक्री में 20 प्रतिशत तक गिरावट आने की आशंका जताई है. सोना इस समय देश के अधिकांश हिस्सों में 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर मिल रहा है. ऐसी स्थिति में लोग बेहद जरूरी होने पर ही सोना खरीदना पसंद कर रहे हैं. इसका असर अक्षय तृतीया पर महंगे आभूषणों की होने वाली परंपरागत खरीद पर पड़ सकता है. 

अक्षय तृतीया पर होती है सोने की खरीदारी

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अक्षय तृतीया को सोने के गहनों एवं सिक्कों की खरीद के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन लोग अपने सामर्थ्य के अनुरूप छोटे-बड़े आभूषण या सिक्के खरीदने की कोशिश करते हैं. लेकिन पिछले चार महीनों में सोने के दाम में आया उछाल इस बार उन्हें मायूस कर सकता है.

इस बार बिक्री गिरने की आशंका

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि सोने के भाव हाल ही में 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचने से ग्राहकों का बड़ा तबका आशंकित हो गया है. मेहरा ने कहा, ‘‘हालांकि, कुछ दिन से दाम थोड़े गिरे हैं लेकिन ये अब भी ऊंचे हैं. इसका असर अक्षय तृतीया पर होने वाली बिक्री पर पड़ेगा. हमारा अनुमान है कि बिक्री पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत घट सकती है.’’ सोने का मौजूदा भाव करीब 60,280 रुपये प्रति दस ग्राम है. उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया पर होने वाले कुल कारोबार में दक्षिण भारतीय राज्यों की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत होती है जबकि पश्चिमी भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत रहती है. इस खरीदारी में पूर्वी भारत का हिस्सा 20 प्रतिशत और उत्तर भारत का हिस्सा करीब 15 प्रतिशत रहता है. 

वीकेंड पर दिख सकती है खरीदारी

जीजेसी के पूर्व चेयरमैन एवं एनएसी ज्वेलर्स (चेन्नई) के प्रबंध निदेशक अनंत पद्मनाभन ने भी कुछ इसी तरह की आशंका जताते हुए कहा कि महंगे सोने की मार अक्षय तृतीया पर आने वाली मांग को कम कर सकती है. हालांकि, उन्होंने बिक्री पर इसका असर 10 प्रतिशत ही पड़ने की बात कही है. विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी सोमसुंदरम पी आर ने कहा कि सोने की खरीद अक्षय तृतीया के अवसर पर करोड़ों भारतीयों के जश्न का अनिवार्य हिस्सा होती है. ऐसे में अगर कीमतों में अच्छी गिरावट होती है तो बिक्री में उछाल आ सकता है. पीएनजी ज्वेलर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल का मानना है कि शनिवार को अक्षय तृतीया का त्योहार होने से खरीदारों के पास सप्ताहांत पर खरीदारी का मौका होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर सोना 60,000 रुपये के भाव पर स्थिर रहता है तो बिक्री 10 प्रतिशत बढ़ सकती है.’’

इस साल अब तक 10% तक उछले हैं सोना-चांदी

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में बताया है कि सोने और चांदी में इस साल की शुरूआत से शानदार तेजी देखी गई है, जिसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साल सुरक्षित निवेश का साल है. वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के साथ-साथ ब्याज दरों में धीमी बढ़ोतरी की वजह से सोने की कीमतें बढ़ी हैं. मांग और आपूर्ति के कारकों ने ऐतिहासिक रूप से सोने की कीमतों पर सीधे तौर पर बड़ा प्रभाव नहीं डाला है, खास कर ऐसे हालात में जहां बाजार में अनिश्चितताएं मौजूद हैं. पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है, इसलिए इसमें अब थोड़ी नरमी आने की संभावना है. 

क्या रही हैं वजहें?

उच्च कीमतों के बीच, सोने की खरीददारी में बाजार में कुछ मजबूती है. घरेलू मोर्चे पर, गोल्ड ईटीएफ में प्रमुख फंड हाउसों के कुल एयूएम के साथ 17,000 करोड़ रुपये से ऊपर जाने के साथ अच्छा ट्रैक्शन देखा गया है. मांग में वृद्धि का एक कारण आरबीआई की सोने की खरीददारी है जो लगातार बढ़ रही है. पिछले 10 वर्षों से सेंट्रल बैंक बड़ा खरीददार रहा है. सोने के बाजार को जो समर्थन मिल रहा है उसकी बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान भू-राजनीतिक तनाव है. रूस-यूक्रेन युद्ध की चिंता लोगों को सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक और अनिश्चितता जो शायद अल्पकालिक हो, वह अमेरिकी बैंकिंग चिंताएं हैं, जिसमें एसवीबी और क्रेडिट सुइस के पतने से घबराहट पैदा हुई और सोने और चांदी में निवेश बढ़ गया.

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