Health Insurance Top-Up Plans: कोविड19 महामारी के बाद से देश में लोगों का ध्‍यान हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की ओर से तेजी से बढ़ा है. अचानक आने वाले अस्‍पतालों के भारी-भरकम खर्चों से बचाने में एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ कवर काफी मददगार साबित होता है. जब भी हम हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने की बात करते हैं, तो यह व्‍यक्ति और उसकी फैमिली की जरूरतों के मुताबिक कवरेज की सलाह दी जाती है. जिससे कि बीमाधारक और उसकी फैमिली को सही और पर्याप्‍त कवर मिल सके. हालांकि, काफी रिसर्च के बाद ली गई पॉलिसी की कवरेज भी कई बार कम हो सकती है. जिसके चलते लोगों को बाद में मेडिकल खर्चों के लिए अपनी सेविंग्‍स का इस्‍तेमाल करना पड़ सकता है. एक्‍सपर्ट कहते हैं, ऐसे हालात से निपटने के लिए जरूरी है कि आप टॉप-अप हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के जरिए अपनी मौजूदा पॉलिसी की लिमिट बढ़ा सकते हैं. 

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SBI जनरल इंश्‍योरेंस के पीएचडी हेड (हेल्‍थ बिजनेस) श्रीराज देशपांडे का कहना है, आपकी मौजूदा हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी में टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स शामिल कर ज्‍यादा मेडिकल कवरेज ले सकते हैं. यह एक क्षतिपूर्ति कवर है, जो आपकी स्‍टैंडर्ड पॉलिसी के इंश्‍योरेंस कवर से आगे और उससे ज्यादा मेडिकल खर्चों को कवर करता है. उनका कहना है कि सही कीमत पर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने से आपकी सेफ्टी के मौजूदा स्तर को बढ़ाया जा सकता है. अगर आपकी जरूरतें आपके स्‍टैंडर्ड हेल्‍थ पॉलिसी स्‍कीम के दायरे से ज्‍यादा हैं, तो टॉप-अप पॉलिसी एक एक्‍स्‍ट्रा सेफ्टी नेट (आधार) देती है. जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं. 

टॉप-अप प्लान्स में क्‍या है शामिल

  • रोगी के अस्पताल में भर्ती होने की लागत
  • उत्पाद के अनुसार  अस्पताल में रखे जाने से पहले की  लागत
  • उत्पाद के अनुसार  अस्पताल में रखे जाने के बाद लागत
  • डेकेयर प्रक्रिया
  • अंग दान  के लिए  खर्च
  • आपातकालीन एम्बुलेंस शुल्क
  • आवासीय (डोमिसिलरी) उपचार की लागत

टॉप-अप प्लान में भी हैं दो अंतर

श्रीराज देशपांडे का कहना है कि ऐसे ज्‍यादातर प्रोडक्‍ट डिडक्‍टेबल होते हैं, इनमें एक निश्चित उम्र तक प्री-हेल्‍थ चेक-अप की जरूरत नहीं होती है. इसलिए, उन्हें खरीदने से आपको कम प्रीमियम में लंबे समय तक सेफ्टी कवर लेने में मदद मिलती है. पॉलिसी में डिडक्‍टेबल लिमिट खत्म होने पर टॉप-अप प्लान एक्टिव हो जाता है. टॉप-अप प्लान में भी दो अंतर होते है, एक स्टैंडर्ड टॉप अप प्लान जिसमें डिडक्‍टेबल हरेक क्‍लेम के आधार पर लागू होती है और दूसरा सुपर टॉप अप प्लान है, जिसमें डिडक्‍टेबल कुल राशि पर आधारित होती है.

देशपांडे कहते हैं, कई ऐड-ऑन उपलब्ध हैं जिन्हें आसानी से बेसिक हेल्‍थ स्‍कीम्‍स में कन्‍वर्ट किया जा सकता है. कंपनियों (नियोक्ताओं) की ओर से इंश्‍योरेंस लिये हुए कॉर्पोरेट कर्मचारियों को टॉप-अप प्लान और अन्य आकर्षक विकल्पों को लेकर अपने स्वास्थ्य प्रोडक्‍ट में जोड़ना चाहिए.

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