LIC Policy: अगर आपके पास कोई ऐसी एलआईसी पॉलिसी चल रही है, जिसे आप बंद कराना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है. एलआईसी की पॉलिसी मैच्योरिटी से पहले बंद कराने को पॉलिसी को सरेंडर करना बोलते हैं. आपको पॉलिसी सरेंडर करने पर इसके पैसे भी वापस मिलते हैं, जिसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं. आप जैसे ही पॉलिसी सरेंडर करेंगे, इसका कवर बंद हो जाएगा और आप इसे फिर कभी रिवाइव भी नहीं करा सकते हैं. 

कब कर सकते हैं सरेंडर

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सरेंडर करने की सुविधा मिलती है, इसका मतलब नहीं कि आप अपनी पॉलिसी कभी भी सरेंडर कर सकते हैं. इसके लिए एक मिनिमम पीरियड तय होता है. यह मिनिमम पीरियड पॉलिसी खरीदने के दिन से कैलकुलेट किया जाता है. पीरियड कितना लंबा होगा, यह पॉलिसी टर्म और प्रीमियम वाले टर्म पर डिपेंड करता है. 

1) सिंगल प्रीमियम वाले प्लान में क्या होगा- सिंगल प्रीमियम प्लान वाली पॉलिसी है तो इसके शुरू होने के दूसरे साल के बाद ही सरेंडर किया जा सकता है. आमतौर पर पॉलिसी शुरू होने के पहले साल में ही सरेंडर अलाऊ नहीं होता है.

2) लिमिटेड प्रीमियम और रेगुलर प्रीमियम प्लान- लिमिटेड प्रीमियम और रेगुलर प्रीमियम प्लान वाली पॉलिसी हो तो आपके पॉलिसी की टर्म देखी जा सकती है. अगर पॉलिसी का टर्म 10 साल या इससे नीचे है, तो सरेंडर ड्यूरेशन दो सालों का रहता है, लेकिन अगर टर्म 10 साल से ज्यादा का है, तो सरेंडर का मिनिमम ड्यूरेशन 3 साल रहेगा.

सरेंडर करने पर क्या मिलता है?

सरेंडर वैल्यू दो फैक्टर्स के साथ कैलकुलेट किया जाता है. पहला Guaranteed Surrender Value (GSV) और दूसरा Special Surrender Value, आइए इनके बारे में जानते हैं- 

1) Guaranteed Surrender Value (GSV)- इसके तहत, पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी के 3 साल के बाद ही सरेंडर करेगा. इसका मतलब कि उसे कम से कम तीन सालों तक का प्रीमियम भरा हुआ होना चाहिए. तीन साल के बाद सरेंडर पर उसे कुल भरे गए प्रीमियम का 30% सरेंडर वैल्यू मिलेगा. हालांकि, इसमें पहले साल का प्रीमियम और एक्सीडेंटल बेनेफिट राइडर्स पर भरा गया प्रीमियम नहीं शामिल किया जाता है. 

2) Special Surrender Value- यह आमतौर पर GSV से ज्यादा होता है. अगर आपने 3 साल से ज्यादा लेकिन 4 साल से कम अवधि के लिए प्रीमियम भरा है, तो आपको मैच्योरिटी सम अश्योर्ड का 80% मिलता है. वहीं, अगर आपने प्रीमियम 4 साल से ज्यादा लेकिन 5 साल से कम भरा है तो आपको 90% मैच्योरिटी सम अश्योर्ड मिलता है. इसके अलावा, अगर आपने पांच साल से ज्यादा प्रीमियम भरा है तो आपको मैच्योरिटी सम अश्योर्ड का 100% मिलता है.

मैच्योरिटी सम अश्योर्ड कैसे कैलकुलेट होता है?

मैच्योरिटी सम अश्योर्ड इस बात के आधार पर कैलकुलेट होता है कि आपने कितना प्रीमियम चुकाया है. इसका फॉर्मूला ये होगा- 

ओरिजिनल सम अश्योर्ड* (कितनी बार प्रीमियम भरा गया/कितना प्रीमियम भरना है) + मिला हुआ कुल बोनस * सरेंडर वैल्यू फैक्टर

क्या सरेंडर करनी चाहिए पॉलिसी?

आमतौर पर पॉलिसी सरेंडर करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे आपको कई फ्रंट पर नुकसान उठाना पड़ता है. पहला, आप स्कीम के बेनेफिट्स तो गंवाते ही हैं, आपको अपनी पॉलिसी पर भरे गए प्रीमियम के मुकाबले मिलने वाला सरेंडर वैल्यू कहीं कम होता है, तो आप यहां भी घाटे में रहते हैं. 

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