रेल कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, क्वॉटर के लिए 6 साल की लाइसेंस फीस माफ
रेल कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. उन्हें अब रेलवे से मिले अपने क्वाटर के लिए वर्ष 2010 से 2016 तक के लिए लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) नहीं देना होगा.
रेल कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. उन्हें अब रेलवे से मिले अपने क्वाटर के लिए वर्ष 2010 से 2016 तक के लिए लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) नहीं देना होगा. रेलवे ने इस स्टैंडर्ड रेंट को माफ करने का निर्णय लिया है. नई व्यवस्था के तहत वर्ष 2017 से 1 जुलाई से हर साल अपने आप लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) में 10 फीसदी की वृद्धि कर दी जाएगी. रेलवे के इस निर्णय से रेल कर्मियों को काफी फायदा मिलेगा.
क्या होता है लाइसेंस फीस या स्टैंडर्ड रेंट
दरअसल रेल कर्मियों को मकान एलाट किए जाने पर उनसे एचआरए के अधार पर किराया लिया जाता है. लकिन इन मकानों को मेंटेंन करने के लिए रेलवे की ओर से किराए के अलावा एक लाइसेंस फीस या स्टैंडर्ड रेंट लिया जाता है. यह राशि बहुत अधिक नहीं होती है. इसे मकान के आकार के अनुसार निर्धारित किया जाता है. रेलवे की ओर से काफी समय से कर्मचारियेां से यह राशि नहीं ली गई थी.
क्यों माफ हुई लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट)
दरअसल वर्ष 2010 से अब तक जिन भी कर्मियों को क्वाटर दिए गए हैं उनकी लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) बाकी थी. लेकिन रेलवे ने जब इस लाइसेंस फीस की रिकवरी की तैयारी की तो कर्मियों ने इसका विरोध किया. नॉर्दन रेलवे के दिल्ली मंडल के महामंत्री अनूप शर्मा ने बताया कि विरोध का सबसे बड़ा कारण ये था कि जो कर्मचारी इस बीच रिटायर हो गए उनसे लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) कैसे वसूली जाएगी. वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों का यह विरोध था की रेल प्रशासन ने समय रहते लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) क्यों नहीं लिया. इतने सालों की लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) लेने से कर्मचारियों पर बोझ पड़ेगा जिससे उनकी मुश्किल बढ़ेगी.
क्या है नई व्यवस्था
रेल कर्मियों को इस तरह की असुविधा का सामना करना न पड़े और लाइसेंस फीस समय पर वसूली जा सके इसके लिए रेलवे ने नई व्यवस्था के हर साल एक जुलाई से लाइसेंस फीस (स्टैंडर्ड रेंट) में 10 फीसदी की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. यह वृद्धि सिस्टम के जरिए अपने आप हो जाएगी. ऐसे में रेल कर्मियों पर कभी अचानक से बड़ा बोझ सामने नहीं आएगा.