इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 निकल चुकी है. इसके बाद भी बहुत सारे लोग आईटीआर फाइल कर रहे हैं, जिन्हें बीलेटेड आईटीआर फाइल (ITR Filing) करना पड़ रहा है. हालांकि, बीलेटेड आईटीआर (Belated ITR) फाइल करने वालों को कुछ पेनाल्टी (Late Fees Penalty) भी चुकानी पड़ रही है. बता दें कि 31 जुलाई 2024 तक 7.28 करोड़ आईटीआर फाइल हो चुके हैं. 

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इनकम टैक्स पोर्टल के अनुसार 22 अगस्त तक 7.4 करोड़ (7,42,75,307) इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हुए हैं. इस तरह देखा जाए तो 1 अगस्त से 22 अगस्त के बीच करीब 13.96 लाख अतिरिक्त इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हुए हैं. उम्मीद है कि इनमें से अधिकतर इनकम टैक्स रिटर्न बीलेटेड आईटीआर होंगे. हालांकि, अगर किसी ने 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल तो कर दिया है, लेकिन उसे वेरिफाई अगस्त में कराया, तो उसकी गितनी भी इसी में होगी. लेकिन आधार ओटीपी से वेरिफिकेशन के चलते आजकल अधिकतर लोग आईटीआर फाइल करने के तुरंत बाद ही आईटीआर वेरिफाई भी करवा देते हैं.

देर से आईटीआर फाइल करने पर कितनी लेट फीस?

आयकर अधिनियन के अनुसार अगर कोई ड्यू डेट के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उस पर 5000 रुपये की लेट फीस लगती है. वहीं अगर उसकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो उस पर 1000 रुपये की लेट फीस लगेगी. हालांकि, जिनकी कुल इनकम टैक्स छूट के दायरे में आती है, उन पर बीलेटेड आईटीआर फाइल करने पर भी कोई पेनाल्टी नहीं लगती है. ध्यान रहे कि बीलेटेड आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है

तो कितना कमा लिया होगा आयकर विभाग ने?

देर से आईटीआर फाइल करने की वजह से सरकार की खूब कमाई हो रही है. अब यहां एक सवाल ये उठता है कि आखिर 22 दिनों में सरकार ने बीलेटेड आईटीआर पर लेट फीस लगाकर कितने पैसे कमा लिए होंगे. इस दौरान कुल मिलाकर 13.96 आईटीआर फाइल हुए हैं. हालांकि, इनकम टैक्स विभाग ने ऐसा कोई ब्रेकअप नहीं बताया है कि इसमें कितने ऐसे लोग हैं, जिन्होंने 5000 की लेट फीस दी है और कितने लोगों ने टैक्सेबल इनकम कम होने की वजह से सिर्फ 1000 रुपये की लेट फीस दी है. 

  • अगर 10 फीसदी लोगों ने 1000 रुपये या कोई भी लेट फीस नहीं दी और बाकी ने 5000 रुपये लेट फीस दी है, तो ऐसे में सरकार को सिर्फ लेट फीस से 627 करोड़ रुपये मिले होंगे.
  • अगर 20 फीसदी लोगों ने जीरो या 1000 रुपये लेट फीस दी है और बाकी ने 5000 रुपये लेट फीस दी है, तो सरकार को लेट फीस से 557 करोड़ रुपये मिले होंगे.
  • अगर 30 फीसदी लोगों ने जीरो या 1000 रुपये लेट फीस दी है और बाकी ने 5000 रुपये लेट फीस दी है, तो सरकार को लेट फीस से 488 करोड़ रुपये मिले होंगे.
  • अगर 40 फीसदी लोगों ने जीरो या 1000 रुपये लेट फीस दी है और बाकी ने 5000 रुपये लेट फीस दी है, तो सरकार को लेट फीस से 418 करोड़ रुपये मिले होंगे.
  • अगर 50 फीसदी लोगों ने जीरो या 1000 रुपये लेट फीस दी है और बाकी ने 5000 रुपये लेट फीस दी है, तो सरकार को लेट फीस से 348 करोड़ रुपये मिले होंगे.