इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करते वक्त हर शख्स सोचता है कि कैसे टैक्स बचाया जाए. यहां ये समझने की बात है कि टैक्स सिर्फ एक दिन में नहीं बचाया (How to save tax) जा सकता है, बल्कि इसके लिए आपको साल शुरू होते ही प्लानिंग (Tax Planning) शुरू करनी होती है. टैक्स बचाने में सबसे बड़ा योगदान होता है तमाम अलाउंस का, जो टैक्स फ्री हो जाते हैं और आपके पैसे बचते हैं. ऐसे में जब आप कोई नौकरी ज्वाइन करते हैं, तभी आपको अपनी सैलरी में तमाम अलाउंस शामिल करवा लेने चाहिए, जिससे कि आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके. आप अपनी सैलरी में बदलाव बीच में भी करवा सकते हैं, जिसके लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर से बात करनी होगी. आइए जानते हैं ऐसे ही 10 अलाउंस के बारे में, जिन्हें सैलरी (How to save tax by changes in salary) में शामिल करवाते ही आपके काफी सारे पैसे बच जाते हैं.

1- हाउस रेंट अलाउंस

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तमाम कंपनियां अपने कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता यानी हाउस रेंट अलाउंस देती हैं. इसमें आपकी बेसिक सैलरी का 40-50 फीसदी तक शामिल होता है. अगर आपकी कंपनी से हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिल रहा है तो तुरंत ही एचआर से बात करें और इसे अपनी सैलरी में शामिल करवा कर टैक्स बचाएं.

2- ट्रैवलिंग या कन्वेंस अलाउंस

ट्रांसपोर्ट भत्ता या ट्रैवलिंग अलाउंस या कन्वेंस अलाउंस आपके ऑफिस और घर के बीच आने-जाने का खर्चा कवर करता है. वैसे तो अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों को सैलरी में ये अलाउंस देती हैं, लेकिन कुछ कंपनियां नहीं भी देती हैं. अगर आपकी सैलरी में यह हिस्सा नहीं है तो इसे शामिल करवाएं, ताकि उन पैसों पर आपका टैक्स ना लगे और आपका फायदा हो सके.  

3- फूड कूपन या एंटरटेनमेंट अलाउंस

फूड कूपन या मील वाउचर या सोडेक्सो कूपन से भी आपका टैक्स बचता है. कुछ कंपनियों में इसे एंटरटेनमेंट अलाउंस भी कहा जाता है. हर कंपनी ये अलाउंस नहीं देती है, इसलिए अगर आपकी सैलरी में यह शामिल नहीं है तो एक बार कंपनी की पॉलिसी चेक करें और जानें कि इसे शामिल करा सकते हैं या नहीं. कई कंपनियां हर महीने करीब 2000 रुपये का एंटरटेनमेंट अलाउंस देती हैं. आपको सिर्फ 2000 रुपये का फूड बिल कंपनी को दिखाना होगा और आपको इसके पैसे बिना किसी टैक्स काटे वापस मिल जाएंगे. इस तरह आप साल भर में करीब 24 हजार रुपये पर टैक्स बचा सकते हैं. अगर आप 30 फीसदी के टैक्स ब्रेकेट में आते हैं तो आपको करीब 7,200 रुपये का फायदा होगा.

4- कार मेंटेनेंस अलाउंस

कई ऐसी भी कंपनियां होती हैं जो अपने कर्मचारियों को कार मेंटेनेंस अलाउंस भी देती हैं. इस अलाउंस के तहत कर्मचारी को कार के मेंटेनेंस, उसके डीजल या पेट्रोल का खर्च और यहां तक की ड्राइवर की सैलरी तक दी जाती है. अगर आपका भी कार का ज्यादा खर्चा है, तो आप उसके लिए अपनी कंपनी के एचआर से बात कर सकते हैं. अगर कार मेंटेनेंस अलाउंस आपको मिलता है, तो उस पर आपको टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा.

5- लीव ट्रैवल अलाउंस

यह एक ऐसा अलाउंस है, जिसे बहुत सारी कंपनियां अपने कर्मचारियों को देती हैं. इसके तहत आपको कहीं घूमने जाने के लिए अलाउंस दिया जाता है. आप 4 साल में 2 बार लंबे टूर पर घूमने जा सकते हैं और एक तय सीमा तक उसका खर्च लीव ट्रैवल अलाउंस के तहत रीइम्बर्स करवा सकते हैं. तो अगर आप भी घूमना-फिरना पसंद करते हैं और आपकी सैलरी में एलटीए शामिल नहीं है तो इसे तुरंत शामिल करवाएं और टैक्स बचाएं.

6- मोबाइल फोन और इंटरनेट अलाउंस

इस अलाउंस के तहत आपको मोबाइल फोन और इंटरनेट के बिल का रीइम्बर्समेंट हो जाता है. यानी इसमें आपका जितना भी खर्चा हुआ है, उसे एक तय सीमा तक कंपनी बिना कोई टैक्स काटे आपको दे देती है. इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है और आपको फायदा होता है. 

7- यूनीफॉर्म अलाउंस

बहुत ही कम कंपनियां होती हैं तो अपने कर्मचारियों को ये अलाउंस देती हैं. आप अपनी कंपनी में बात कर सकते हैं और अगर वहां यूनीफॉर्म अलाउंस मिलता है तो उसे सैलरी में शामिल करवा सकते हैं. कंपनी की तरफ से ये पैसे कर्मचारियों को यूनीफॉर्म का खर्च मेंटेन करने के लिए दिए जाते हैं, जिन पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

8- मेडिकल अलाउंस

कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेडिकल अलाउंस भी देती हैं. इसके तहत कर्मचारी अपने या अपने परिवार के मेडिकल खर्चों को रीइम्बर्स कर सकता है. अगर आपकी सैलरी में ये अलाउंस शामिल नहीं है तो करवा लें. ये अलाउंस आपके बड़ा काम आएगा, क्योंकि इससे टैक्स भी बचेगा और परिवार की हेल्थ भी सही रहेगी.

9- एजुकेशन/हॉस्टल अलाउंस

अगर आपका कोई बच्चा है तो उसकी उम्र और योग्यता के हिसाब से आपको एजुकेशन या हॉस्टल अलाउंस मिल सकता है. इस बारे में अपने एचआर से बात करें और वो आपको बता देंगे कि इस अलाउंस का फायदा कैसे उठाया जा सकता है. 

10- न्यूजपेपर/मैगजीन/बुक्स अलाउंस

ऐसी कई नौकरियां होती हैं, जिनमें न्यूजपेपर, मैगजीन या किताबें पढ़ने की जरूरत होती है. मीडिया भी उनमें से एक है. ऐसी कंपनियां अपने कर्मचारियों को एक तय सीमा तक अलाउंस मुहैया कराती हैं. आप भी अगर ऐसी ही किसी कंपनी में हैं तो इसे अपनी सैलरी में शामिल करवा सकते हैं और टैक्स बचा सकते हैं.