Tax Saving: मार्च खत्म हो रहा है और 31 मार्च से पहले फोकस इस बात पर होता है कि टैक्स बचाने के लिए कहां निवेश कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए आपको अपने निवेश दिखाने पर टैक्स छूट मिलती है, इसके लिए कई इंस्ट्रूमेंट होते हैं जो आपके लिए टैक्स बचाकर बचत करवाते हैं. और वैसे भी किसी भी तरह के निवेश का मुख्य उद्देश्य बचत को बढ़ाना होता है, जिससे की भविष्य में आने वाली वित्तीय परेशानी का सामना मजबूती से किया जा सके.

कहां बचेगा ज्यादा टैक्स (Tax Saving Investment)

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टैक्स देने वाला प्रत्येक व्यक्ति निवेश करते समय यह जरूर सुनिश्चित करता है कि किस तरह उसे ज्यादा से ज्यादा टैक्स बेनेफिट मिल सकता है. Policybazaar.com के हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट विवेक जैन ने कहा कि “यूलिप लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, टर्म लाइफ इंश्योरेंस, गारंटीड रिटर्न प्लान, हेल्थ इंश्योरेंस जैसी योजनाओं में निवेश करने से टैक्स सेविंग का लाभ उठा सकते है. साथ ही व्यक्ति के कुल टैक्सेबल इनकम पर कटौती के लिए क्लेम करने की अनुमति देकर उनके कुल टैक्स के बोझ को कम करने में भी मदद मिल सकती है. हालांकि, इन्वेस्टमेंट से संबंधित किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले निवेश योजना की खासियतों और अपने फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखना चाहिए.”

ये भी पढ़ें: Advance Tax Deadline: एडवांस टैक्स भरने का आखिरी मौका, कहीं आप भी तो नहीं भूल गए? नहीं भरा तो जुर्माने के लिए रहें तैयार

ULIP (Unit Linked Insurance Plan)

यूलिप (यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) एक प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी है जो लाइफ इंश्योरेंस और निवेश के लाभों को जोड़ती है. यूलिप प्लान सही बाजार हो तो 12-15% तक रिटर्न दे सकता है, लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि यूलिप पर रिटर्न की गारंटी नहीं है और यह असेट्स के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है. यूलिप कई टैक्स बेनेफिट देते हैं. यूलिप के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती मिलती है. तो आप अपनी यूलिप पॉलिसी के लिए भरे गए प्रीमियम की राशि से अपनी टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं.

साथ ही, यूलिप पर मिलने वाला डेथ बेनेफिट टैक्स फ्री है. हालांकि, यूलिप के तहत मैच्योरिटी राशि तभी टैक्स-फ्री होती है, जब कुल सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से कम हो. अगर आप एक से अधिक पॉलिसी खरीदते हैं और कुल प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो इसपर टैक्स लगेगा.

हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट (Health Insurance Tax Benefit)

एक क्रॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी किसी के भविष्य की सुरक्षा के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जितनी ही महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करती है कि मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके अलावा एक दूसरा फायदा ये है कि इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां भी काफी 

टैक्स बचत करा सकती हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि यह इनकम टैक्स की धारा 80C अतिरिक्त इसकी लिमिट 1.5 लाख रूपये है, जिसमें कई टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स को टैक्स-सेविंग्स पर समान कैप के साथ जोड़ा जाता है.

अपने आश्रितों और अपने जीवनसाथी के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 25,000 रुपये की कटौती के अलावा, आप अपने माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस करने के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं. अगर आपके माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से ऊपर हैं, तो 50,000 रुपये की ऊपरी सीमा है, जिससे कुल कटौती की सीमा 75,000 रुपये हो जाती है.

ये भी पढ़ें: Income Tax: सबसे ज्यादा टैक्स भरते हैं इस देश के लोग, वहीं टैक्स बचाने के लिए स्वर्ग हैं ये देश!

गारंटीड रिटर्न प्लान पर टैक्स बचत (Guaranteed Return Plan Tax Benefit)

बाजार के उतार चढ़ाव के इस माहौल में गारंटीड रिटर्न प्लान में निवेश करना वित्तीय रूप से मजबूत बनाए रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये प्लान न केवल हाई और सेफ रिटर्न रिटर्न देते हैं बल्कि एक अच्छा टैक्स बेनिफिट भी दिलाते हैं. बाजार की उतार-चढाव की स्थितियों के बावजूद यह प्लान आपकी पूंजी को सुरक्षित रखती हैं, और यहां तक कि इनवेस्टर की प्रोफाइल के आधार पर 7 से 7.5 प्रतिशत तक का रिटर्न भी देती हैं. चूंकि ये योजनाएं जीवन बीमा घटक के साथ आती हैं जो वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना इनकम टैक्स की धारा 10(10डी) के तहत टैक्स बेनिफिट के योग्य हैं. इसलिए, यह धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिस्काउंट भी प्रदान करता है.

टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance Tax Benefit)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस आपकी असामयिक मृत्यु की स्थिति में आपके प्रियजनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का एक लागत प्रभावी तरीका है, और यह कई टैक्स बेनेफिट भी देता है. टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से मिलने वाला डेथ बेनेफिट लाभार्थियों के लिए टैक्स-फ्री है. इसका अर्थ है कि आपके प्रियजनों को प्राप्त होने वाली राशि पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा, व्यक्ति टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन्स के लिए भी क्लेम कर सकता है. यह डिडक्शन इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की लिमिट तक उपलब्ध है. अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है, तो रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान भी टैक्स-फ्री रिटर्न ऑफ प्रीमियम (जीएसटी को छोड़कर) का लाभ प्रदान करते हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें