Tax Saving Guide: इनकम टैक्स रिटर्न भरने (ITR Filing) का टाइम आ चुका है. टैक्सपेयर्स को अब अपनी इनकम पर टैक्स कैलकुलेट करके जरूर देख लेना चाहिए कि उनकी टैक्स लायबिलिटी क्या बन रही है और इसके लिए वो अपना AIS (Annual Information Statement) भी देख सकते हैं. साथ ही यही मौका है कि टैक्स बचाने के लिए लास्ट मिनट इन्वेस्टमेंट करने का. लेकिन हमारे पहले से कुछ इन्वेस्टमेंट होते हैं, जिनपर पूरी टैक्स छूट लेना आपकी बचत के लिए जरूरी होता है. खासकर, अगर आप अपने मम्मी-पापा के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो ये जरूर देखना चाहिए कि उनकी बुढ़ापे के फंड पर बचत कैसे (tax saving) किया जा सके. तो हम आपको यहां इनकम टैक्स एक्ट के एक खास सेक्शन (Income Tax Act Section) के बारे में बताने जा रहे हैं.

Section 80TTB का मिलता है फायदा

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आमतौर पर सीनियर सिटीजंस इन्वेस्टमेंट के ज्यादा रिस्की टूल्स की बजाय फिक्स्ड डिपॉजिट या फिर पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं. अगर आपके माता-पिता ने भी ऐसे निवेश कर रखे हैं, जिनपर उनकी ब्याज से कमाई हो रही है, तो ये इंटरेस्ट से इनकम टैक्सेबल होती है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए इंटरेस्ट इनकम भी टैक्स लायबिलिटी बढ़ाता है, लेकिन सीनियर सिटीजंस के लिए टैक्स डिडक्शन के लिहाज से एक अलग सेक्शन प्रोवाइड किया गया है, जिसमें वो अपने ब्याज की कमाई को बचा सकते हैं, ये है Section 80TTB. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत सीनियर सिटीजंस को अपने डिपॉजिट पर मिले ब्याज पर डिडक्शन क्लेम करने की छूट होती है. 

क्या है Section 80TTB की शर्त?

इस सेक्शन के तहत कोई भी भारतीय वरिष्ठ नागरिक जोकि 60 साल या इससे ऊपर हो, वो अपने ब्याज की इनकम पर 50,000 रुपये तक की छूट क्लेम कर सकता है. अगर ये किस तरह की ब्याज से कमाई पर छूट देता है, इसकी बात करें तो किसी भी बैंकिंग संस्था के साथ सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट वगैरह पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस योजनाओं में निवेश किया है और इसमें किसी भी रजिस्टर्ड को-ऑपरेटिव सोसाइटी के साथ कराए गए डिपॉजिट के ब्याज पर भी छूट ली जा सकती है.

कैसे ले सकते हैं फायदा?

जब भी सीनियर सिटीजंस अपना ITR भरें, या भरवाएं Section 80TTB के तहत छूट लेना न भूलें. आईटीआर फॉर्म में आपको 'Income from other sources' के तहत आपको इस इनकम का जिक्र करना होगा और फिर सेक्शन 80TTB लगाकर डिडक्शन क्लेम (tax deduction claim) कर सकते हैं.