Tax Investment proof: साल का वो वक्त आ गया है जब आपको अपनी इनकम टैक्स (Income tax) बचाने के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट्स के प्रूफ जमा करने होते हैं. अगर आपने पहले से तैयारी नहीं की है तो घबराने की जरूरत नहीं है. सही डॉक्युमेंट्स और फॉर्मेट में इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करके आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं बल्कि किसी तरह की गलती से भी बच सकते हैं. आइए जानते हैं इन्वेस्टमेंट प्रूफ (Investment proof) जमा करने का सही तरीका, कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स जरूरी हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

इन्वेस्टमेंट प्रूफ क्यों जरूरी है?

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टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ (Tax Investment proof) देना हर साल का एक जरूरी काम है, खासकर सैलरीड कर्मचारियों के लिए. अगर आपने वित्तीय वर्ष में 80C, 80D, या किसी अन्य सेक्शन के तहत निवेश किए हैं, तो उन्हें प्रूफ के साथ जमा करना जरूरी है. ऐसा न करने पर आपकी सैलरी से ज्यादा टैक्स काट लिया जाता है.

कब देना होता है इन्वेस्टमेंट प्रूफ?

हर कंपनी की अपनी एक समय-सीमा होती है, लेकिन ज्यादातर यह कंपनी दिसंबर अंत या जनवरी में आपसे डॉक्युमेंट्स मांगती हैं. आमतौर पर यही वक्त है जब इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने की प्रक्रिया शुरू होती है, और इसे समय से पहले पूरा करना चाहिए.

जरूरी डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट:

 

  • PPF/ELSS का स्टेटमेंटअगर आपने PPF या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश किया है तो उसका प्रमाण देना जरूरी है.

 

  • लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियमबीमा पॉलिसी की प्रीमियम रसीद जमा करें.

 

  • NPS योगदाननेशनल पेंशन सिस्टम में किए गए निवेश का प्रमाण भी मांगा जाता है.

 

  • होम लोन प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सर्टिफिकेटहोम लोन पर टैक्स छूट पाने के लिए यह जरूरी है.

 

  • मेडिकल इंश्योरेंस (80D)हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की रसीद.

 

  • रेन्ट रसीदअगर आप HRA क्लेम कर रहे हैं तो किराए की रसीद जरूरी है.

 

  • चैरिटी और दान80G के तहत टैक्स छूट के लिए रजिस्टर्ड संस्थानों को दिए गए दान का प्रमाण.

कैसे जमा करें इन्वेस्टमेंट प्रूफ?

HR पोर्टल पर अपलोड करें- ज्यादातर कंपनियों में एक इंटरनल HR पोर्टल होता है जहां आप अपने दस्तावेज स्कैन करके अपलोड कर सकते हैं.

फॉर्म 12BB भरें: यह फॉर्म आपकी टैक्स डिक्लेरेशन के लिए अनिवार्य है.

ऑनलाइन सबमिशन

कई कंपनियां अब ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल करती हैं. अपने पोर्टल पर लॉग इन करें और निर्देशों का पालन करें.

टाइमिंग पर ध्यान दें: समय सीमा से पहले दस्तावेज जमा करें.

क्या ध्यान रखना चाहिए?

- दस्तावेज स्कैन करते समय ध्यान रखें कि वे स्पष्ट और सही फॉर्मेट में हों.

- गलत जानकारी देने पर भारी जुर्माना लग सकता है.

- निवेश के प्रमाण जितना हो सके डिजिटल फॉर्मेट में रखें ताकि आप भविष्य में कभी भी उन्हें एक्सेस कर सकें.

क्या होगा अगर समय पर प्रूफ नहीं दिया?

अगर आप समय पर प्रूफ नहीं देते हैं, तो कंपनी आपके निवेश को मान्यता नहीं देती और ज्यादा टैक्स काट लिया जाता है. हालांकि, आप यह अतिरिक्त टैक्स रिफंड के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय क्लेम कर सकते हैं.

समय पर तैयारी से मिलेगा फायदा

इन्वेस्टमेंट प्रूफ (Investment proof) समय से पहले जमा करने से न सिर्फ आपको टैक्स में छूट मिलेगी, बल्कि आपका साल का प्लानिंग भी सही तरीके से होगा. तो देर न करें, अपने दस्तावेज तैयार करें और टैक्स बचाने की प्रक्रिया को आसान बनाएं.

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