Tax-Free Income: अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं  तो आप टैक्स रिटर्न (ITR Filing) भी फाइल करते होंगे. आपकी सैलरी पर तो आपको टैक्स देना ही होता है, और कुछ दूसरे निवेश भी होते हैं जो टैक्सेशन के दायरे में आते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी निवेश हैं, या आय के स्रोत हैं, जिनपर आपको कोई टैक्स नहीं (Tax Free Income) देना होता है. इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) में कई आय-स्रोतों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में ये आपका पूरा अधिकार है कि आप जहां भी टैक्स बचा सकते हैं, बचा लें. इसके लिए सरकार कई प्रावधान भी देती है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि आपके किन-किन आय पर आपको टैक्स देना ही नहीं (Tax Free Income) होता है? Section 10 और इसके कई sub-section हैं, जहां बताया गया है कि सरकार आपके किन-किन इनकम पर आपसे कोई टैक्स नहीं लेती है. वैसे तो ये लिस्ट बहुत लंबी है, लेकिन हम यहां बता रहे हैं कि Income Tax Act, 1961 के तहत ऐसे कौन से 10 अहम आय-स्रोत हैं, जिनपर आपको टैक्स नहीं देना होता है.

1. इंश्योरेंस पॉलिसी से मिले पैसे पर नहीं देना होता है टैक्स (Money from Insurance)

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किसी भी ऐसी बीमा पॉलिसी के तहत मिला पैसा, जिसमें पॉलिसी की अवधि के दौरान किसी भी वर्ष के लिए दिया जाने वाला प्रीमियम वास्तविक पूंजीगत बीमा राशि यानी वास्तविक कैपिटल सम अश्योर्ड से 10% से अधिक है, उसपर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है. जीवन बीमा पॉलिसी के तहत राशि में अगर पॉलिसी पर बोनस के रूप में एलोकेटेड राशि शामिल है, तो धारा 10(10डी) के तहत किसी व्यक्ति की कुल आय में शामिल नहीं किया जाएगा.

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2. प्रॉविडेंट फंड से मिला हुआ पैसा (PPF Money)

सरकारी निवेश स्कीम प्रॉविडेंट फंड, अप्रूव्ड सुपरएनुएशन फंड या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड से मिलने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है. पीपीएफ में लगाया गया पैसा 15 साल की अवधि तक लॉक हो जाता है, जिसे आगे बढ़वा सकते हैं. इसमें निवेश के छह सालों बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं. सालाना अधिकतम 1.5 लाख का निवेश कर सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C और 10 (D) के तहत आपको इसमें छूट मिलती है.

3. खेती से हुई कमाई (Agriculture Income)

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(1) के तहत खेती से हुई कमाई पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. 

5. शादी-ब्याह में मिला गिफ्ट (Wedding Gifts)

आपकी शादी-विवाह में दोस्तों-परिवारों से मिला हुआ गिफ्ट भी टैक्स फ्री होता है. हालांकि, इसपर कुछ शर्तें होती हैं, जैसे कि- गिफ्ट आपकी शादी के आसपास ही दिया गया होना चाहिए. साथ ही इसकी कीमत 50,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

6. पार्टनरशिप में कंपनी से मिला प्रॉफिट (Profit in partnership firm)

सेक्शन 10(2A) के मुताबिक, अगर आप किसी कंपनी में पार्टनर हैं तो जो शेयर ऑफ प्रॉफिट है, उसपर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, क्योंकि कंपनी इस प्रॉफिट पर पहले ही टैक्स चुका देती है तो आपके हिस्से में आए प्रॉफिट पर आपको अलग से टैक्स नहीं भरना होता है. हां, ये याद रखिए कि आपके प्रॉफिट के हिस्से पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन जो आपकी सैलरी है उसपर आपको टैक्स भरना होगा. साथ कैपिटल इंटरेस्ट और रिमनरेशन पर भी टैक्स की देनदारी बनेगी.

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7. VRS में मिला हुआ पैसा (VRS Money)

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(10C) के तहत VRS यानी voluntary retirement या स्वेच्छा से रिटायर होने वाले लोगों को जो रकम मिलती है, उसपर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसमें शर्त ये है कि रिटायरमेंट ले रहा इंप्लॉई किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का कर्मचारी होना चाहिए, न कि निजी. वहीं, 5 लाख तक की रकम पर ही उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा. इससे ऊपर की रकम टैक्सेबल होगी.

8. उत्तराधिकार में मिली संपत्ति (Inherited Asset)

उत्तराधिकार या विरासत में मिली संपत्ति पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. यानी कि अगर आपके माता-पिता आपके नाम कोई संपत्ति छोड़ते हैं तो उसके ट्रांसफर पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर आप इस संपत्ति से कोई आमदनी कमाते हैं, तो उसपर आपको टैक्स देना होगा.

9. इक्विटी या म्युचुअल फंड से मिला रिटर्न (Equity/Mutual Fund Return)

इक्विटी या म्युचुअल फंड में निवेश को कैपिटल गेन में डाला गया है. अगर आपका एक वित्त वर्ष में रिटर्न 1 लाख से कम होना चाहिए. इससे ज्यादा का रिटर्न आने पर आपको स्कीम के टाइप के हिसाब से टैक्स देना होता है. इक्विटी फंड्स में शॉर्ट टर्म यानी 12 महीने से कम समय के निवेश कर रहे हैं, तो आपको 15 फीसदी की दर टैक्‍स देना होगा. वहीं, अगर आप 12 महीने से ज्‍यादा यानी लॉन्‍ग टर्म निवेश कर रहे हैं और आपको कैपिटल गेन 1 लाख रुपये से ज्‍यादा हुआ है, तो आपको कोई टैक्‍स नहीं देना होगा. हालांकि, अगर आपका गेन 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो आपकी टैक्‍स देनदारी 10 फीसदी होगी.  अगर आप डेट फंड या अन्‍य दूसरे फंड में शॉर्ट यानी 3 साल से कम से के लिए निवेश करते हैं, तो आपको अपने इनकम टैक्‍स स्‍लैब के मुताबिक टैक्‍स देना होगा. लेकिन अगर लॉन्‍ग टर्म यानी 3 साल से ज्‍यादा समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इंडेक्‍सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी की दर से टैक्‍स देना होगाा. 

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10. NPS से की गई आंशिक निकासी पर (Partial Withdrawal from NPS)

रिटायरमेंट स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम ट्रस्ट में निवेश करने वाले लोगों को आंशिक निकासी करने की अनुमति है. सेक्शन 10 के अंदर नया क्लॉज 12B डाला गया है, जिसमें कुछ शर्तों के साथ टैक्स में छूट दी गई है. एक शर्त तो ये है कि आप जो अमाउंट निकाल रहे हैं वो वो कुल कॉन्ट्रिब्यूशन के 25% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. दूसरा, आंशिक निकासी PFRDA (Pension Regulatory and Development Authority) के नियमों के अनुसार ही होनी चाहिए.

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