ITR Filing: जब भी बात आती है इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की तो हर कोई ये जरूर सोचता है कि काश टैक्स (Tax) नहीं लगता. कुछ लोग तो ये भी सोचते हैं कि काश इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत ना होती. बता दें कि आपके ऊपर भले ही टैक्स देनदारी हो या ना हो, लेकिन आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है. भले ही आपको रिफंड (ITR Refund) मिले या ना मिले. हालांकि, कम ही लोगों को पता है कि दो तरह के लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

टैक्स छूट पाने वाले पहले शख्स कौन?

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अगर आपकी कमाई इनकम टैक्स छूट की सीमा के अंदर है तो आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से आईटीआर भरने से भी छूट मिलती है. ध्यान रहे कि यहां आपकी कमाई की बात हो रही है, ना कि तमाम तरह के डिडक्शन लेने के बाद निकलने वाली टैक्सेबल इनकम की. अगर आपकी कमाई टैक्स छूट की सीमा से अधिक है, तो आपके लिए भी आईटीआर भरना जरूरी है.

दूसरे शख्स के बारे में भी जान लीजिए

आयकर विभाग की तरफ से सेक्शन 194P के तहत 75 साल की उम्र से अधिक के लोगों को आईटीआर भरने से छूट दी जाती है. हालांकि, इसकी कुछ शर्तें भी हैं. यह जरूरी है कि सीनियर सिटीजन पिछले साल में भारत का ही नागरिक होना चाहिए. साथ ही यह भी जरूरी है कि सीनियर सिटीजन की कमाई पेंशन इनकम और उसे बैंक में रखने से उस पर मिले ब्याज से हो रही हो. यह भी जरूरी है कि उसी बैंक खाते में पेंशन आती हो.

अगर आप इन दो कैटेगरी में हैं, तो आपके लिए भी आईटीआर भरना जरूरी नहीं है. हालांकि, अगर आप आईटीआर फाइल करते रहते हैं तो इससे आपका एक लीगल डॉक्युमेंट तैयार होता है, जो लोन लेते वक्त काफी काम आता है. अगर आप इन कैटेगरी में नहीं हैं तो गलती से भी आईटीआर फाइल करना ना भूलें, वरना आप पर जुर्माना तक लग सकता है.