ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न का वक्त नजदीक आ रहा है. सैलरीड क्लास हो या फिर बिजनेस क्लास या कोई इंडिविजुअल, सब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. लेकिन, जीवित व्यक्ति ही नहीं बल्कि मृत व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न (Deceased Person’s ITR) भी फाइल किया जाता है. ये जरूरी है. इनकम टैक्स विभाग (Income tax department) के नियमों के मुताबिक, मृत व्यक्ति की अगर कोई इनकम हुई है तो उसका रिटर्न (ITR return) भरना जरूरी है. कानूनी उत्तराधिकारी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है. नियम के साथ-साथ कानूनी वारिस का फर्ज है कि वह मृत व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें.

ITR Filing: रिफंड कौन क्लेम करेगा?

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टैक्स एक्सपर्ट्स भी बताते हैं कि मृत व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कानूनी वारिस को उत्तराधिकारी के रूप में खुद को रजिस्टर्ड करना होता है. ये आसान है. घर बैठे इसे किया जा सकता है. कानूनी उत्तराधिकारी के लिए यह अनिवार्य है कि वह उस दिन तक के मृतक के ITR दाखिल करे, जब तक वह जीवित था. उसे टैक्‍स का भुगतान करना होगा और रिफंड भी क्‍लेम कर सकता है. कानूनी उत्तराधिकारी डीम्ड असेसी होता है, इसलिए अगर वह रिटर्न फाइल नहीं करने का ऑप्शन चुनता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कार्रवाई को उसी तरह आगे बढ़ाएगा, जैसा कि मृतक के जीवित रहने पर किया जाता.

वारिस का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

- https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home पर इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं.

- अपने क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करके लॉग इन करें और MY ACCOUNT पर क्लिक करें.

- खुद को एक प्रतिनिधि के रूप में रजिस्टर करें.

- मृतक की तरफ से न्‍यू रिक्‍वेस्‍ट पर Click करें और आगे बढ़ें.

- मृतक का पैन कार्ड, मृतक का पूरा नाम और मृतक के बैंक खाते का विवरण भरें.

- आपकी रिक्‍वेस्‍ट अप्रूव होने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक SMS मिलेगा.

मृतक का ITR कैसे फाइल करें?

- खुद को कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में रजिस्टर्ड करने के बाद ITR फॉर्म वेबसाइट से डाउनलोड करें.

- ध्यान रखें, सारी डीटेल्स भरने के बाद, फॉर्म की XML फाइल जेनरेट होनी चाहिए, क्योंकि सिर्फ XML फॉर्मेट में ही इसे अपलोड किया जा सकता है.

- पैन कार्ड की डीटेल्स वाले ऑप्शन में कानूनी उत्तराधिकारी को अपनी डीटेल्स देनी होंगी. ITR फॉर्म नाम और असेसमेंट ईयर का ऑप्शन सेलेक्ट करें.

- XML फाइल अपलोड करने और डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के बाद, फॉर्म सब्मिट हो जाएगा.

मृतक की इनकम कैसे कैलकुलेट होती है?

एक्सपर्ट के मुताबिक, मृत व्यक्ति के इनकम की कैलकुलेशन (Income tax calculation) करने का प्रोसेस बिल्कुल वैसा ही है, जैसे सारी कटौती और छूट के बाद सामान्य रूप से इनकम कैलकुलेट की जाती है. यहां अंतर इतना होता है कि पूरे साल के बजाए सिर्फ उस तिथि तक इनकम कैलकुलेट होती है, जब तक व्यक्ति जीवित था.