ITR Filing: गलती से भी मत भूल जाना ये 5 डिडक्शन क्लेम करना, अगले साल नहीं मिलेगा फायदा, ऐसी Mistake पड़ेगी भारी
ITR Filing की आखिरी तारीख तेजी से नजदीक आ रही है. ऐसे में अक्सर जल्दबाजी में रिटर्न फाइल (Income Tax Return) करने के चक्कर में लोग लोग कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं. ऐसी ही एक गलती है डिडक्शन (Deduction) क्लेम करना भूल जाना.
ITR Filing की आखिरी तारीख तेजी से नजदीक आ रही है. ऐसे में अक्सर जल्दबाजी में रिटर्न फाइल (Income Tax Return) करने के चक्कर में लोग लोग कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं. ऐसी ही एक गलती है डिडक्शन (Deduction) क्लेम करना भूल जाना. ध्यान रहे कि अगर आप किसी वित्त वर्ष में ये डिडक्शन लेना भूल जाते हैं, तो अगले साल उन्हें नहीं ले सकते हैं. इनकम टैक्स छूट पाने के लिए सभी डिडक्शन का फायदा उठाना बहुत जरूरी है. हर नौकरीपेशा को 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) तो खुद ही मिल जाता है, लेकिन कई डिडक्शन आप क्लेम करना भूल जाते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से डिडक्शन लेना आपको बिल्कुल नहीं भूलना है.
1- 80सी के तहत पीपीएफ का डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट के तहत आप एक साल में 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन ले सकते हैं. यह डिडक्शन आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) यानी पीपीएफ (PPF) में निवेश कर के भी ले सकते हैं. इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल का होता है. अभी इस पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें किए गए निवेश पर, उस पर मिले ब्याज पर और मेच्योरिटी पर मिले पैसों पर, किसी पर भी कोई टैक्स नहीं (exempt-exempt-exempt) लगता है.
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2- ईपीएफ के तहत डिडक्शन क्लेम
आपने एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (Employees Provident Fund) यानी ईपीएफ (EPF) में जो निवेश किया है, उस पर आपको 80सी के तहत डिडक्शन क्लेम करना नहीं भूलना है. इसके तहत हर कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करना जरूरी होता है. इसके तहत कर्मचारियों को अभी 8.25 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है. बता दें कि इसमें आप अपनी इच्छा से भी एक तय सीमा तक अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं, जिसे वॉल्यूंट्री प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) यानी वीपीएफ (VPF) कहा जाता है.
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3- ELSS के तहत किया गया निवेश
अगर आपने इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity-linked savings schemes) यानी ईएलएसएस (ELSS) के तहत निवेश किया है, तो उस पर भी आपको 80सी के तहत ही डिडक्शन मिलता है. इसे भी आपको आईटीआर फाइल करते वक्त क्लेम करना जरूरी है. अगर आप इसे क्लेम करना भूल जाते हैं तो अगले साल इसे क्लेम नहीं कर पाएंगे और टैक्स छूट नहीं पा सकेंगे.
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4- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का डिडक्शन
बहुत सारे लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन आईटीआर फाइल करते वक्त अक्सर वह उसका डिडक्शन लेना भूल जाते हैं. यह डिडक्शन 80डी के तहत मिलता है. इसमें 60 साल तक की उम्र के लोग 25 हजार रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. आपने इंश्योरेंस के लिए जो प्रीमियम चुकाया है, उस पर आपको टैक्स छूट मिलती है. जो लोग 60 साल की उम्र से अधिक के हैं, वह 50 हजार रुपये तक की टैक्स छूट पाते हैं. वहीं 5000 रुपये तक के प्रिवेंटिव चेकअप पर भी आपको टैक्स छूट मिलती है. तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ये डिडक्शन क्लेम करना ना भूलें.
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5- NPS के तहत किए निवेश का डिडक्शन
किसी भी कर्मचारी को एनपीएस पर जो टैक्स छूट मिलती है, वह 80CCD के तहत मिलती है. इसमें भी दो सब-सेक्शन हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). वहीं 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन हैं 80CCD(1B). इसमें आप 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपये और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये की छूट तो पाते ही हैं, लेकिन 80CCD(2) आपको इस 2 लाख रुपये के भी ऊपर इनकम टैक्स में छूट देगा.
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इसके तहत आपको एंप्लॉयर की तरफ से आपके एनपीएस में किए गए निवेश पर छूट मिलेगी. तमाम बिजनेस इस निवेश को अपने प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में बिजनेस एक्सपेंस की तरह दिखाकर टैक्स छूट पाते हैं. इसके तहत आप अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी तक एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं और उस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी. वहीं अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो यह आंकड़ा आपके लिए 14 फीसदी तक हो सकता है.