ITR Filing: गलती से भी मत कर देना ये 4 Mistake, आईटीआर हो जाएगा रिजेक्ट, दोबारा करनी पड़ेगी सारी मेहनत
ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में बहुत सारे लोग जल्दबाजी में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं. ऐसे में कई लोग जल्दबाजी में गलती भी कर बैठते हैं.
ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में बहुत सारे लोग जल्दबाजी में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं. ऐसे में कई लोग जल्दबाजी में गलती भी कर बैठते हैं. इन गलतियों की वजह से अक्सर आपका आईटीआर रिजेक्ट हो जाता है. ऐसे में आपको कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. आइए जानते हैं ऐसी 5 गलतियों के बारे में, जिनकी वजह से आपका आईटीआर फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है.
1- फॉर्म में गलत जानकारी दे देना
किसी को भी इनकम टैक्स फॉर्म में कभी कोई गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए. ऐसी कोई भी डिडक्शन का क्लेम नहीं करना चाहिए, जिसके आप हकदार नहीं हैं. ऐसे में फॉर्म को सबमिट करने से पहले उसे दोबारा चेक जरूर करें. किसी भी गलती की वजह से आपका फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है, तो ध्यान रहें.
2- फॉर्म 16 और एआईएस के डेटा में अंतर
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से तमाम करदाताओं की हर ट्रांजेक्शन पर कड़ी नजर रखने के कई तरीके होते हैं. ऐसे में आईटीआर फाइल करते वक्त फॉर्म-16 और एआईएस के डेटा को अच्छे से चेक करें. अगर आईटीआर फाइल करने के बाद दोनों में कोई मिसमैच मिलता है तो आपको दिक्कत हो सकती है.
3- टैक्स कैलकुलेशन में गलती कर देना
कई बार लोग टैक्स कैलकुलेशन में गलती कर देते हैं. ध्यान रहे, कैलकुलेशन में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने का मतलब है कि आपको दिक्कत होगी ही. गलत कैलकुलेशन होने की वजह से आपकी टैक्स देनदारी गलत बन जाएगी और उसकी वजह से आपको बाद में दिक्कत झेलनी पड़ सकती है.
4- फॉर्म को वेरिफाई नहीं करना
याद रखें कि टैक्स रिटर्न फाइल करने के साथ-साथ आपको आईटीआर को ई-वेरिफाई (e-verify ITR) भी करना होगा. अपने आईटीआर को फाइल करने के बाद 30 दिन के अंदर ई-वेरिफाई करना अनिवार्य होता है. वेरिफिकेशन के बाद ही आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया पूरी मानी जाती है. बता दें कि अगर आपने आईटीआर तो भर दिया, लेकिन उसे वेरिफाई नहीं किया तो इसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा. टैक्सपेयर्स अपना आईटीआर EVC यानी electronic verification code ऑप्शन के जरिए ई-वेरिफाई कर सकते हैं. आपके पास ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन आईटीआर वेरिफेकेशन प्रोसेस का ऑप्शन होता है.