ITR Filing: रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को बताया है कि अब तक कितने आईटीआर फाइल हुए हैं. उनके अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अब तक 6 करोड़ के करीब आईटीआर फाइल हो चुके हैं. इसमें दिलचस्प बात ये है कि हर 3 में से 2 लोगों ने यानी करीब 70 फीसदी लोगों ने नए टैक्स रिजीम को चुना है. 

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संजय मल्होत्रा ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक बजट के बाद होने वाले सेशन को संबोधित करते ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं कि लोग सरलीकृत नई कर व्यवस्था को अपनाएंगे या नहीं. वहीं लोगों के रेस्पॉन्स को देखकर ये साफ हो गया है कि अधिकतर लोगों को नया टैक्स रिजीम भा रहा है.

क्या बोले संजय मल्होत्रा?

मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्ष के लिए करीब 6 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए जिनमें से 70 प्रतिशत नए आयकर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं. यह पूरा कदम सरलीकरण की दिशा में उठाया गया है, जिसका अंतिम उद्देश्य कर अनुपालन बोझ को कम करना है.’’ इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए थे. उन्होंने कहा कि बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार कर कानून को सरल बनाना है. 

मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘‘हम एक मसौदा तैयार करेंगे और फिर सुझाव मांगेंगे.’’ भारत में इस समय व्यक्तिगत आयकर की दो व्यवस्थाएं हैं. पुरानी आयकर व्यवस्था में कर की दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं, लेकिन करदाता को कई तरह की छूट एवं कटौतियों का दावा करने का विकल्प है. वहीं नई कर व्यवस्था में कर की दरें कम हैं, लेकिन छूट या कटौतियों का दावा करने का विकल्प नहीं है.

(भाषा से इनपुट के साथ)