Income Tax Exemption: इनकम टैक्स भरने का वक्त नजदीक है. देश में हर उस व्यक्ति को जिसकी आय टैक्स के दायरे में आती है, उसे टैक्स फाइल करना होता है. जिनकी आय टैक्सेशन के दायरे से बाहर है, उनको भी सलाह दी जाती है कि वो टैक्स फाइल करें.  इनकम टैक्स एक्ट, 1961 देश में टैक्स फाइलिंग को अनिवार्य बनाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में एक ऐसा राज्य भी है, जिसके लोगों को टैक्स भरने से छूट मिली हुई है? जी हां, देश में एक ऐसा अनोखा राज्य भी है, जहां लोगों को इनकम टैक्स नहीं भरना होता और वो राज्य है- सिक्किम. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 372 (F) के मुताबिक, सिक्किम के लोगों को टैक्सेशन के दायरे से बाहर रखा गया है. 

सिक्किम के लोगों को क्यों नहीं भरना होता है टैक्स?

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सिक्किम का भारत में 1975 में विलय हुआ था, लेकिन सिक्किम इस शर्त पर भारत में शामिल हुआ था कि यह अपने पुराने कानून और स्पेशल स्टेटस बरकरार रखेगा, जिसे मान लिया गया. इसके चलते सिक्किम अपने ही टैक्स नियमों का पालन करता है, जोकि 1948 में बनाए गए थे. Sikkim Income Tax Manual 1948 के तहत, सिक्किम के किसी भी निवासी को केंद्र सरकार को टैक्स नहीं चुकाना था.

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लेकिन 2008 में मिल गई पूरी तरह से छूट

साल 2008 में सिक्किम के लोगों को पूरी तरह छूट दिया गया है. सिक्किम के टैक्स कानून हटा लिए गए. उस साल के केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स एक्ट में एक अलग से सेक्शन जोड़ा गया- section 10 (26AAA), जिसके तहत राज्य के निवासियों को टैक्स नहीं भरना होगा. सेक्शन 371(f) जोड़ा गया, जोकि सिक्किम को दिए गए विशेष दर्जे को भी संवैधानिक सुरक्षा देता है. सरकार ने 94% सिक्किम निवासियों को टैक्स छूट दे दी, लेकिन बाकी कुछ ऐसे परिवार थे, जिनको इस दायरे में रखा गया क्योंकि उन्होंने भारतीय नागरिकता बनाए रखी थी.

क्या कहता है Section 10 (26AAA)?

Section 10 (26AAA) के तहत नियम है कि सिक्किम के किसी भी निवासी की आय टैक्स दायरे से बाहर रहेगी, चाहे वो किसी भी तरह के सिक्योरिटी से मिले इंटरेस्ट से आई हो या डिविडेंड से. इसमें कहा गया है कि सिक्किम के भारत में विलय से पहले जो भी लोग वहां बस गए थे, चाहे उनका नाम Sikkim Subjects Regulations, 1961 के रजिस्टर में हो या नहीं, उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के Section 10(26AAA) के तहत छूट मिलती है.