इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आने वाले हर व्यक्ति के लिए आईटीआर फाइल (ITR Filing) करना एक अहम काम होता है. वैसे तो अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो आपके लिए आईटीआर भरना जरूरी नहीं है, लेकिन सभी को आईटीआर फाइल करने की सलाह दी जाती है. कई सारे कामों में भी आईटीआर की जरूरत पड़ती है. अगर समय से आईटीआर ना भरें तो आयकर विभाग का नोटिस भी आ सकता है. लेकिन अब सवाल ये है कि अगर किसी शख्स की आईटीआर फाइल करने से पहले ही मौत (ITR Filing of a dead person) हो जाए तो क्या होगा? क्या उसे आयकर विभाग नोटिस भेजेगा? क्या उसका आईटीआर भी भरना होगा? अगर भरना होगा (ITR Filing After Death) तो कौन भरेगा? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.

मृत व्यक्ति के नाम आए आयकर विभाग का नोटिस तो क्या करें?

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अगर किसी शख्स की मौत आईटीआर फाइल करने से पहले हो जाती है तो उसके नाम पर आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आना तय है. ऐसे में मृत व्यक्ति के वारिस को उस नोटिस का जवाब देना होगा और बताना होगा कि व्यक्ति की मौत हो गई है. व्यक्ति की मौत के बाद वारिस को ही व्यक्ति की तरफ से आईटीआर फाइल करना होगा. हांलाकि, अगर आयकर विभाग ने कोई जुर्माना लगाया है या कोई लेट फीस मांगी है तो वारिस वह देने के लिए बाध्य नहीं है. यहां तक कि दिल्ली हाई कोर्ट समेत कई कोर्ट ये फैसले सुना चुके हैं कि किसी व्यक्ति की मौत की सूचना आयकर विभाग को देने के लिए वारिस बाध्य नहीं है. अब सवाल ये है कि नोटिस का जवाब देने के बाद मृत व्यक्ति का आईटीआर कैसे फाइल करें.

कानूनी वारिस के तौर पर लेनी होगी मंजूरी

किसी मृत व्यक्ति का आईटीआर फाइल करने के लिए उसके किसी परिजन को सबसे पहले उस व्यक्ति के कानूनी वारिस के तौर पर मंजूरी लेनी होगी. इसके लिए आपको कोर्ट-कचहरी के कुछ चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. कोर्ट की तरफ से मृत व्यक्ति के किसी करीबी सदस्य जैसे पति-पत्नी या बेटे-बेटी या किसी और को कानूनी वारिस बनाया जा सकता है. स्थानीय नगर निगम से भी आप किसी व्यक्ति के कानूनी वारिस की मान्यता हासिल कर सकते हैं.

कानूनी वारिस के तौर पर खुद को करें रजिस्टर

मंजूरी मिल जाने के बाद आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा और वहां पर खुद को मृत व्यक्ति के कानूनी वारिस के तौर पर रजिस्टर करना होगा. इसके लिए आपको कोर्ट से या नगर निगम से मिली कानूनी वारिस प्रमाण पत्र की कॉपी की जरूरत होगी, जिसके बाद ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी. जैसे ही प्रक्रिया पूरी हो जाती है, आपको आयकर विभाग की तरफ से इसकी सूचना भेज दी जाएगी.

ध्यान रखनी होंगी ये बातें

किसी भी मृत व्यक्ति का आईटीआर ठीक वैसे ही भरा जाएगा, जैसे आप आपना आईटीआर भरते हैं। कानूनी वारिस बनते ही व्यक्ति को मृत व्यक्ति के आईटीआर खाते में लॉगिन करने की सहूलियत मिल जाती है। जब आप आईटीआर भर देंगे, उसके बाद आयकर विभाग उस खाते को बंद कर देगा, क्योंकि खाताधारक की मौत हो चुकी है. जब आप मृत व्यक्ति का आईटीआर भरेंगे, उस वक्त आपके पास उस शख्स का मृत्यु प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, आपका पैन और आधार कार्ड और साथ ही कानूनी वारिस बनाए जाने के प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. आईटीआर भरने के बाद अगर कोई रिफंड आता है तो वह मृत व्यक्ति के खाते में ही आएगा. ऐसे में आपको बैंक जाकर उस खाते से पैसे निकालने के बाद उसको बंद करवाना होगा.