House Rent Allowance: हाउस रेंट अलाउंस सैलरी का बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इस अलाउंस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है. ज्यादातर कंपनियां अपने एंप्लॉयी को HRA का लाभ देती हैं. हालांकि, कुछ कंपनियां एचआरए की सुविधा नहीं देती हैं. सेल्फ एंप्लॉयड इंडिविजुअल को भी इसका लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी इंडिविजुअल को हाउस रेंट अलाउंस का लाभ नहीं मिलता है, और वह किराए के घर में रहता है तो टैक्स को लेकर क्या नियम हैं? आइए टैक्स एक्सपर्ट गरिमा बाजपेयी (CA Garima Bajpai) से इस सवाल का विस्तार से जवाब जानते हैं.

HRA नहीं मिलने पर कैसे मिलेगा रेंट पर टैक्स बेनिफिट?

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टैक्स एक्सपर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, हाउस रेंट अलाउंस एक डिडक्शन होता है जिसे सेक्शन  10(13A) के तहत क्लेम करना पड़ता है. HRA की कोई लिमिट नहीं है. यह आपकी सैलरी, महंगाई भत्ता, एंप्लॉयर कितना एचआरए देता है और आप किस शहर में रहते हैं, इन चार प्रमुख फैक्टर्स पर निर्भर करता है. अगर किसी एंप्लॉयी को हाउस रेंट अलाउंस का लाभ नहीं मिलता है, या फिर वह सेल्फ एंप्लॉयड है, लेकिन किराए के घर में रहता है तो उसे सेक्शन  80GG के तहत टैक्स में छूट मिलेगी. इसके लिए तीन अहम फैक्टर्स हैं.

1>> हर महीने 5000 रुपए के रेंट पर डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है.

2>>ग्रॉस टोटल इनकम का 25 फीसदी

3>> जितना किराया दिया गया है माइनस एडजस्टेड ग्रॉस टोटल इनकम.

एडजस्टेट ग्रॉस टोटल इनकम=(टोटल इनकम-चैप्टर VI-A के तहत सभी डिडक्शन)

ऊपर के तीन कंडीशन में जो अमाउंस सबसे कम बनता है, उसपर सेक्शन  80GG के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है.

अन्य जरूरी टर्म एंड कंडीशन

1>>सेक्शन 80GG के तहत हाउस रेंट पर डिडक्शन का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब आपका या पति/पत्नी का उस शहर में अपना घर नहीं हो.

2>>अगर कोई इंडिविजुअल जिस घर में रहता है और उसी प्रॉपर्टी में काम करता है तो रेंट पर डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा.

3>>अगर मां-बाप के घर में रहते हैं तो उनको दिए जाने वाले किराए पर डिडक्शन का लाभ मिलेगा, हालांकि इसके लिए रेंटल अग्रीमेंट बनाना जरूरी है. मां-बाप को घर का किराया इनकम के रूप में दर्शाना होगा.

HRA क्लेम करने को लेकर इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखें

एक्सपर्ट ने कहा कि हाउस रेंट अलाउंस सैलरी का अहम हिस्सा होता है, लेकिन इसे क्लेम करना पड़ता है तभी टैक्स में राहत मिलेगी. अगर किराए के घर में नहीं रहते हैं तो सैलरी का हिस्सा होने के बावजूद HRA क्लेम नहीं कर पाएंगे और यह टैक्सेबल हो जाएगी. बात जब मेट्रो सिटीज की होगी तो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को ही इस कैटिगरी में रखा गया है. बाकी के सभी शहर, नॉन मेट्रो कैटिगरी में आते हैं. मां-बाप के घर में रहते हैं तो एचआरए नहीं मिलेगा. अगर किराया देते हैं तो मां-बाप को उसे इनकम के रूप में दिखानी होगी. इसके अलावा, आपको प्रूफ देना होगा कि किराया ट्रांसफर किया जा रहा है. अगर पति या पत्नी को किराया देते हैं तो इसपर HRA नहीं मिलेगा. 1 लाख से ज्यादा किराया देने पर लैंड लॉर्ड का  पैन डीटेल शेयर करना जरूरी है.

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