House Rent Allowance: अगर आप नौकरी करते हैं तो हाउस रेंट अलाउंस के बारे में जरूर जानते होंगे और इसका लाभ भी उठा रहे होंगे. यह आपकी सैलरी का अहम हिस्सा होता है जो अलाउंस के रूप में मिलता है.  सैलरीड इंडिविजुअल्स को HRA क्लेम करना पड़ता है. हाउस रेंट अलाउंस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप किराए के घर में नहीं रहते हैं तो इस अलाउंस पर टैक्स जमा करना पड़ेगा. HRA पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन  10(13A) के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसकी कोई लिमिट नहीं होती है. HRA पर कितना डिडक्शन मिलेगा यह आपकी सैलरी और एंप्लॉयर की तरफ से मिलने वाले एचआरए अमाउंट पर निर्भर करता है.

नीचे की 3 गलतियों से बचें

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सीए चौहान एंड को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के टैक्स एक्सपर्ट चिराग चौहान (CA Chirag Chauhan) ने बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि सैलरीड इंडिविजुअल HRA क्लेम करने को लेकर तीन बड़ी गलतियां करते हैं, जिसके कारण बाद में वे परेशानी में आ जाते हैं. इन गलतियों से बचना है.

रेंट अग्रीमेंट जरूर बनाएं

1>> अगर आप अपने रिश्तेदार या फैमिली मेंबर के नाम पर जो घर है, उसमें रेंट देकर रहते हैं तो हाउस रेंट अलाउंस का लाभ मिलेगा. कई बार ऐसा होता है कि रिश्तेदार का घर होने के कारण रेंट अग्रीमेंट नहीं बनाते हैं. अगर आपके एंप्लॉयर या टैक्स डिपार्टमेंट की नजर चली जाती है तो HRA डिडक्शन का लाभ वापस ले लिया जाएगा. ऐसे में आपको इस रकम पर  टैक्स चुकाना पड़ेगा.

ऑनलाइन या चेकबुक से ट्रांसफर करें

2>>किराए के घर पर रहते हैं तो अपने अकाउंट से मकान मालिक के बैंक अकाउंट में ही पैसा ट्रांसफर करें. कैश में किराया नहीं देना चाहिए. अगर कैश में 5000 रुपए से ज्यादा किराया देते हैं तो हर रिसिप्ट पर रेवेन्यू स्टाम्प लगाना जरूरी है. एक वित्त वर्ष में अगर 1 लाख रुपए तक किराया देते हैं तो मकान मालिक के PAN की जरूरत नहीं है. उससे ज्यादा किराया देने पर पैन नंबर शेयर करना होगा.

रेंट रिसिप्ट जरूर लें

3>>जब आप किराया जमा करते हैं तो मकान मालिक से रेंट रिसिप्ट जरूर हासिल करें. आपका एंप्लॉयर रेंट रिसिप्ट पर तैयार हो सकता है. अगर यह मामला टैक्स विभाग तक पहुंचेगा तो वह रेंट रिसिप्ट पर नहीं मानेगा. टैक्स विभाग ज्यादा एविडेंस मांगता है. कई मामलों में किराएदार रेंट एग्रीमेंट के मुकाबले ज्यादा किराया देता है. हो सकता है कि ऐसे मामलों में किराएदार एडिशनल अमाउंट कैश में जमा करता हो. इस परिस्थिति में केवल उतने ही अमाउंट पर डिडक्श  का लाभ मिलेगा, जितने अमाउंट का रेंट रिसिप्ट आपके पास होगा.

HRA पर टैक्स में छूट का कैसे होता है हिसाब?

>> एंप्लॉयर की तरफ से कितना HRA दिया जाता है.

>> मेट्रो सिटीज में रहते हैं तो बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 50 फीसदी.

>> नॉन-मेट्रो सिटीज में रहते हैं तो बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 40 फीसदी.

>> आपने जितना किराया दिया है वह बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस के 10 फीसदी से कम होना चाहिए.

ऊपर के चार कंडिशन में जो सबसे कम अमाउंट होगा, उसपर टैक्स में छूट मिलेगी.

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