Tax Benefit: 80C के दायरे में आते हैं ये फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स, जानिए कैसे और कितना मिलता है फायदा
Tax Benefit Instruments: अगर आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो सरकार इसकी भी सुविधा टैक्सपेयर्स को देती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्सपेयर्स के पास कई सारे ऑप्शन होते हैं, जिनके जरिए आप टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं.
Tax Benefit Instruments: कोई भी शख्स नौकरी करता है ताकि उसे सैलरी मिल सके, उस सैलरी से अपने सपने और अपने शौक पूरे कर सके. लेकिन सैलरी जब खाते में आती है तो एक जिम्मेदारी भी लेकर आती है. ये जिम्मेदारी होती है देश के प्रति आपका समर्पण. मसलन, जब आप ज्यादा सैलरी कमाते हैं तो आपको सरकार चलाने के लिए टैक्स देना पड़ता है क्योंकि टैक्स ही तो सरकार की कमाई होती है. अब टैक्स आप डायरेक्ट या इनडायेक्ट दोनों तरह से देते हैं. लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं नौकरी की तो इनकम टैक्स की चर्चा जरूर होगी. इनकम टैक्स तब दिया जाता है जब आपकी सैलरी टैक्स स्लैब के तहत आती है. लेकिन जहां चाह है वहां राह है. अगर आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो सरकार इसकी भी सुविधा टैक्सपेयर्स को देती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्सपेयर्स के पास कई सारे ऑप्शन होते हैं, जिनके जरिए आप टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं. अगर आप भी टैक्स बचाने की जद्दोजहद में है तो 80C के तहत आने वाले इन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकते हैं और ज्यादा टैक्स की भरपाई से बच सकते हैं.
IT एक्ट का सेक्शन 80C
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं. इस धारा के तहत टैक्स बेनेफिट के लिए इन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जा सकता है. इन इंस्ट्रूमेंट्स में ELSS, Tax Savings FD, NSC, Home Loan, Sukanya Samridhi Yojana, PPF, EPF, Infrastructure Bonds, SCSS, NPS और ULIPs शामिल हैं.
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
Adani Group को एक ही दिन में दूसरा झटका! NSE ने ग्रुप कंपनियों से मांगी सफाई, ₹2.45 लाख करोड़ का मार्केट कैप स्वाहा
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
तो ये रहे वो इंस्ट्रूमेंट्स, जिनमें निवेश करके किसी भी टैक्सपेयर को टैक्स बेनेफिट मिल सकता है लेकिन अब जानते हैं कि हर स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को क्या और कितना फायदा मिलता है.
ELSS
ये एक टैक्स सेविंग्स स्कीम है और इसका लॉक इन पीरियड कम से कम 3 साल होता है. यानी कि 3 साल से पहले आप इस स्कीम में से पैसा नहीं निकाल सकते. ईएलएसएस म्यूचुअल फंड पर 12-15 फीसदी की अनुमानित सालाना रिटर्न मिलती है. बता दें कि ELSS एक मात्र म्यूचुअल फंड कैटेगरी है, जो 80C के तहत आता है.
Tax-Savings FDs
ये एक तरह की स्पेशल एफडी स्कीम होती है, जो बैंक और पोस्ट ऑफिस की ओर से प्रोवाइड की जाती है. इस स्कीम के तहत 7-8 फीसदी की दर से अनुमानित रिटर्न मिल सकता है और इसका लॉकइन पीरियड 5 साल है. हालांकि यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि इस स्कीम में निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस पर सरकार टैक्स लगाती है.
National Saving Schemes(NSC)
नेशनल सेविंग्स स्कीम की सुविधा देश के पोस्ट ऑफिस के जरिए मिलती है. इस स्कीम में निवेश करके आप 1.5 लाख रुपए की डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन स्कीम पर मिलने वाला ब्याज पर टीडीएस अधीन नहीं है.
Home Loan
अगर घर खरीदने के लिए आप होम लोन लेते हैं तो सेक्शन 80 सी के तहत कई तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं. होम लोन के तहत आप जो भी ब्याज दे रहे हो तो सेक्शन 24 के तहत आप 2 लाख रुपए के डिडक्शन को क्लेम कर सकते हो. इसके अलावा EMI के भुगतान पर 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स बेनेफिट ले सकते हो.
Sukanya Samriddhi Yojana
ये योजना खासतौर पर लड़कियों के लिए लाई गई है और इसका खास लॉकइन पीरियड नहीं होता. लड़की की उम्र 21 साल होने पर ये स्कीम मेच्योर हो जाती है. इसके अलावा इस स्कीम में लड़की की उम्र 18 साल होने पर आंशिक निकासी कर सकते हैं. इस स्कीम पर निवेशकों को 8.4 फीसदी का रिटर्न मिलता है.
PPF
ये स्कीम देश के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है. इस स्कीम में आप खुद या किसी नाबालिग के तरफ से भी निवेश कर सकते हैं. इसका लॉकइन पीरियड 15 साल है और इस पर निवेशकों को 7.9 फीसदी का रिटर्न मिलता है. इस स्कीम में निवेश करके आपको 80सी के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है.
EPF
इस स्कीम मे नौकरी करते समय आप निवेश करते हैं. हालांकि कंपनी का जो हिस्सा होता है, उस पर टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता है. इस स्कीम में निवेश करने पर निवेशकों को 8.1 फीसदी का रिटर्न मिलता है और इस पर लॉकइन पीरियड 5 साल का है.
Senior Citizen Savings Scheme
ये स्कीम सरकार की ओर से चलाई जाती है और खासतौर पर सीनियर सिटीजन के लिए इसे शुरू किया गया था. इस स्कीम के तहत सीनियर सिटीजन 1000 रुपए के न्यूनतम निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. इस पर निवेशकों को 7.4 फीसदी का रिटर्न मिलता है और इसका लॉकइन पीरियड 5 साल का है.
Infrastructure Bonds
ये भी एक तरह से सरकारी स्कीम है, जो लंबी अवधि के निवेश का नजरिया रखती है. हालांकि इस स्कीम में 20000 रुपए से ऊपर के निवेश पर ही टैक्स छूट का फायदा उठा सकते है.
ULIPs
यूलिप एक तरह से इन्वेस्टमें और इंश्योरेंस का कॉम्बिनेशन है. इस स्कीम के तहत निवेशक जो प्रीमियम भरता है, उस पर निवेशक को टैक्स छूट का बेनेफिट मिलता है. इस स्कीम का लॉकइन पीरियड 5 साल है और इस स्कीम में 7-9 फीसदी के बीच का रिटर्न मिल सकता है.
National Pension Scheme
ये स्कीम सरकार की ओर से शुरू की गई है और इसमें निवेश करना आपका निवेशक का निजी फैसला हो सकता है. इस स्कीम के तहत निवेशक के पास रिटायरमेंट पेंशन प्लान करने का मौका होता है. यहां निवेशकों को 9-10 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है और 60 साल की उम्र तक इस स्कीम में निवेश किया जा सकता है.
03:14 PM IST