सिर्फ Tax बचाने के लिए कर रहे हैं निवेश? तो पहले जान लीजिए इससे आपको क्या नुकसान हो सकता है
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो सिर्फ टैक्स छूट पाने के चक्कर में पैसे निवेश करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इससे क्या नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में और समझते हैं कि कैसे आप अपने निवेश की बेहतर प्लानिंग (Investment Planning) कर सकते हैं.
हर कोई चाहता है कि वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचाकर रखे. लोग यह भी चाहते हैं कि इन बचे हुए पैसों से और पैसा बने, इसलिए वह इन पैसों को निवेश (Investment) करते हैं. वहीं इनकम टैक्स (Income Tax) में भी छूट पाने के लिए बहुत सारे लोग पैसे निवेश करते हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो सिर्फ टैक्स छूट पाने के चक्कर में पैसे निवेश करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इससे क्या नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में और समझते हैं कि कैसे आप अपने निवेश की बेहतर प्लानिंग (Investment Planning) कर सकते हैं.
सबसे पहले समझिए क्यों करना है निवेश
अगर आप पैसे निवेश करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको ये समझने की जरूरत है कि आप वह निवेश कर क्यों रहे हैं. आपको ये समझना होगा कि निवेश के उन पैसों का इस्तेमाल आप कहां करना चाहते हैं. ये इसलिए जरूरी है क्योंकि अलग-अलग तरह के निवेश के लिए अलग-अलग तरह के इंस्ट्रुमेंट होते हैं. वहीं इन निवेश का लॉक इन पीरियड भी अलग हो सकता है. तो निवेश से पहले तय कर लें कि पैसों का क्या करना है.
टैक्स सेविंग के लिए निवेश कब नहीं करना चाहिए
अगर आपके खर्चे अधिक हैं और आप सिर्फ टैक्स बचाने के चक्कर में तमाम स्कीम में पैसे डालते जा रहे हैं तो आपको पैसों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. वहीं टैक्स सेविंग की बहुत सारी स्कीम तो ऐसी हैं, जिनमें लंबा लॉक इन पीरियड है. कुछ में तो आप बहुत ही खास परिस्थितियों में ही पैसे निकाल सकते हैं, जैसे एनपीएस, पीएफ, सुकन्या समृद्धि. इनके अलावा पीपीएफ में करीब 15 साल और एफडी में करीब 5 साल तक आप पैसे नहीं निकाल सकते हैं. अगर आप समय से पहले अपनी एफडी तोड़ते हैं तो आपको भारी नुकसान होगा. ऐसे में अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ती है तो उसे पूरा करने के लिए आपको कहीं से लोन तक लेना पड़ सकता है.
अगर आप शेयर बाजार की अच्छी समझ रखते हैं या म्यूचुअल फंड को अच्छे से समझते हैं तो इनमें पैसे लगाकर आप मोटा रिटर्न पा सकते हैं. म्यूचुअल फंड में आप 15-20 फीसदी तक का रिटर्न पा सकते हैं, जबकि शेयर बाजार में तो आप अपनी सूझ-बूझ से और ज्यादा पैसे बना सकते हैं. वहीं टैक्स सेविंग टूल्स में आपको 7-10 फीसदी तक का ही रिटर्न मिलेगा. ऐसे में सिर्फ टैक्स बचाने के चक्कर में पड़कर पैसे निवेश ना करें. पहले ये समझ लें कि आपको निवेश किए पैसों का भविष्य में क्या करना है.
कौन-कौन सी होती हैं टैक्स सेविंग स्कीम?
इस वक्त बाजार में टैक्स सेविंग के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं. अगर कुछ लोकप्रिय टूल्स की बात करें तो पब्लिक प्रॉविडेंड फंड (PPF), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) और 5 साल की टैक्स सेविंग FD सबसे खास हैं.