फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए Advance Tax की पहली किश्त की डेडलाइन 15 जून को समाप्त हुई.  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक, इस साल एडवांस टैक्स कलेक्शन (Advance Tax Collection) में सालाना आधार पर 14 फीसदी का शानदार ग्रोथ दर्ज किया गया. पहली तिमाही में यह कलेक्शन 1.15 लाख करोड़ रुपए का रहा जो 2022 की पहली तिमाही में 1.01 लाख करोड़ रुपए था. 

कॉर्पोरेट और इंडिविजुअल कलेक्शन कितना रहा?

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अलग-अलग सेगमेंट की बात करें तो कॉर्पोरेट के एडवांस टैक्स कलेक्शन (Corporate Advance Tax) में सालाना आधार पर 17 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. जून तिमाही में यह 92172 करोड़ रुपए रहा जो एक साल पहले 78842 करोड़ रुपए था. पर्सनल इनकम टैक्स कैटिगरी में Q1 का एडवांस टैक्स कलेक्शन 23513 करोड़ का रहा जो जो पिछले साल Q1 में 22175 करोड़  रुपए था. सालाना आधार पर इसमें करीब 6 फीसदी की तेजी रही.

किन टैक्सपेयर्स के लिए Advance Tax जरूरी?

अगर किसी फाइनेंशियल ईयर में एस्टिमेटेड टैक्स लाएबिलिटी TDS, TCS डिडक्शन के बाद 10 हजार रुपए से ज्यादा होता है तो ऐसे टैक्सपेयर्स को एडवांस टैक्स (Advance Tax) चुकाना होता है. पूरे वित्त वर्ष में चार किश्तों में इसका भुगतान किया जाता है.

किस तरह होता है Advance Tax का भुगतान?

15 जून को Advance Tax की पहली किश्त का भुगतान करना होता है. यह कुल टैक्स देनदारी का 15 फीसदी होता है. दूसरी किश्त की डेडलाइन 15 सितंबर होती है और कुल टैक्स देनदारी का 45 फीसदी तक भुगतान करना होता है. तीसरी किश्त की डेडलाइन 15 दिसंबर होती है और तब तक  75 फीसदी एस्टिमेटेड टैक्स लाएबिलिटी का भुगतान करना होता है. चौथी और आखिरी किश्त की डेडलाइन 15 मार्च तक होती है. बकाया 25 फीसदी का भुगतान इससे पहले करना होता है.

 

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