80C भूल जाओ... Income tax बचाने के ये 10 ऑप्शन आपका एक भी पैसा नहीं कटने देंगे! खुद CA भी करेगा आपकी तारीफ
इनकम टैक्स (Income tax) बचाने के लिए सबसे ज्यादा पॉपुलर तरीका 80C है, लेकिन ज्यादातर बचत योजनाएं इसके दायरे में आती हैं और छूट सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक मिलती है. लेकिन, कईं ऐसे ऑप्शंस हैं, जिनमें निवेश किया तो एक भी पैसा नहीं कटेगा.
इनकम टैक्स सेविंग्स अभी तक नहीं की? आखिरी तीन महीने हैं. अगर इनमें आपने इन्वेस्टमेंट कर दिया तो टैक्स कटने से बचा सकते हैं. एक वित्तीय वर्ष में टैक्स बचाने (Tax savings) के लिए आपके पास सिर्फ 31 मार्च तक का समय होता है. अब जनवरी शुरू हो चुका है. ऐसे में लास्ट टाइम सेविंग्स आपके टैक्स को कटने से बचा सकती हैं. आमतौर पर इनकम टैक्स बचाने (Income tax savings) के नाम पर सबसे पहले सेक्शन 80C का ख्याल आता है. लेकिन, 80C को छोड़ो, इसके अलावा भी 10 ऑप्शन हैं, जिनमें पैसा लगा दिया तो आपका एक भी पैसा टैक्स में नहीं कटेगा.
ऐसे बचेगा TAX
इनकम टैक्स (Income tax) बचाने के लिए सबसे ज्यादा पॉपुलर तरीका 80C है, लेकिन ज्यादातर बचत योजनाएं इसके दायरे में आती हैं और छूट सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक मिलती है. लेकिन, कईं ऐसे ऑप्शंस हैं, जिनमें निवेश किया तो एक भी पैसा नहीं कटेगा और अगर कट गया तो रिफंड जरूर आएगा.
1) नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में आप सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की टैक्स बचत करते हैं, लेकिन इसके ऊपर भी सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त बचत की जा सकती है. यानी आप कुल मिलाकर 2 लाख रुपए तक की बचत कर सकते हैं
2) हेल्थ इंश्योरेंस (80D)
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सेक्शन 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को क्लेम कर सकते हैं. आपको 80D के तहत टैक्स में कितनी छूट मिलेगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि इस पॉलिसी में कौन कौन शामिल है और उनकी उम्र क्या है. इस तरह से आप 25,000 रुपए, 50,000 रुपए और 1 लाख रुपए तक टैक्स बचत क्लेम कर सकते हैं.
3) एजुकेशन लोन (80E)
अगर आपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है तो उसके रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80E के तहत एजुकेशन लोन के ब्याज के हिस्से पर टैक्स छूट ले सकते हैं. ये टैक्स छूट पैरेंट्स और बच्चा कोई भी ले सकता है, ये इस बात पर तय होगा कि लोन चुका कौन रहा है. इसमें टैक्स छूट की कोई सीमा नहीं है, आप जितना चाहें ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
4) होम लोन का ब्याज (सेक्शन 24)
होम लोन रीपेमेंट पर आप दो तरह से टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप 80C के तहत 1.5 लाख रुपए का टैक्स छूट तो लेते ही हैं, साथ ही ब्याज कंपोनेंट पर सेक्शन 24 के तहत छूट ले सकते हैं. इस सेक्शन के तहत आप अधिकतम 2 लाख रुपए तक टैक्स छूट पा सकते हैं, बशर्ते प्रॉपर्टी आपके नाम पर हो और आप उसमें रहते हों. अगर आप उस घर में नहीं रहते बल्कि आपने रेंट पर दे रखा है तो आपकी टैक्स छूट क्लेम करने की कोई सीमा नहीं है, यानी आपने एक साल के दौरान जितना भी ब्याज भरा हो पूरा टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगा.
5) पहली बार घर खरीदने पर (80EE)
अपना पहला घर खरीदने वालों को सरकार सेक्शन 80EE के तहत होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त छूट देती है, बशर्ते इसके पहले आपके नाम पर कोई दूसरा घर नहीं होना चाहिए. इस सेक्शन के तहत आप 50,000 रुपए तक अतिरिक्त टैक्स क्लेम कर सकते हैं. ये छूट सेक्शन 24 के तहत मिलने वाली छूट के अलावा होती है. यानी पहली बार घर खरीदने वालों को एक साल में कम से कम 2.5 लाख रुपए तक की छूट होम लोन के ब्याज पर ही मिल जाती है. इसके लिए शर्त ये भी है कि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए और लोन 35 लाख रुपए या इससे कम होना चाहिए.
6) HRA (80GG)
अगर आप सैलरीड हैं और आपकी कंपनी HRA देती है, तो रेंट पर आप टैक्स छूट पाते हैं. लेकिन अगर आपको HRA नहीं मिलता है तो आप हाउस रेंट पर टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आप या तो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या फिर खुद का कोई काम करते हैं. ऐसे लोगों को सरकार सेक्शन 80GG का विकल्प देती है.
7) सेविंग बैंक ब्याज (80TTA)
सेविंग बैंक अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर भी आप टैक्स छूट पा सकते हैं. सेक्शन 80TTA के तहत कोई भी व्यक्ति या HUF अधिकतम 10,000 रुपए तक टैक्स छूट पा सकता है. इसमें बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाइटी या फिर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट शामिल हैं. ये टैक्स छूट सभी के लिए है, इसके लिए सीनियर सिटिजन की शर्त नहीं है. 10,000 रुपए से ज्यादा ब्याज को अन्य आय की श्रेणी में गिना जाएगा और उस पर टैक्स चुकाना होगा.
8) दिव्यांग मेडिकल खर्च (80DD)
अगर आप किसी दिव्यांग की देखरेख करते हैं तो उस पर होने वाले खर्च को सेक्शन 80DD के तहत क्लेम कर सकते हैं. वो दिव्यांग व्यक्ति परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है, जैसे माता-पिता, बच्चा या फिर भाई-बहन. आपको कितनी टैक्स छूट मिलेगी ये दिव्यांगजन की disability पर निर्भर करता है. इसमें 75,000 रुपए से लेकर 1.25 लाख रुपए तक टैक्स छूट मिलती है.
9) विशेष बीमारी का इलाज (80DDB)
कुछ विशेष बीमारियों जैसे कैंसर, न्यूरोलॉजिकल बीमारी या AIDS का इलाज काफी महंगा होता है. सरकार सेक्शन 80DDB के तहत 40,000 रुपए तक की टैक्स छूट देती है. सीनियर सिटिजन के मामले में ये टैक्स छूट 1 लाख रुपए होती है.
10) डोनेशन (80G)
अगर आप दान पुण्य करते हैं तो इस पर भी टैक्स बचा सकते हैं. सेक्शन 80G के तहत मान्यताप्राप्त चैरिटेबल संस्थान को किया गया डोनेशन टैक्स छूट के दायरे में आता है. हालांकि पूरे डोनेशन पर छूट नहीं मिलती है.
07:08 PM IST