दिल्ली-NCR में हर तरफ हवा में जहर घुल चुका है. सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण से लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें हो रही हैं. ऐसे में जहरीली हवा के कारण खड़े होने वाले अनचाहे खर्च से खुद को बचाना जरूरी है. इसमें आपकी मदद करेगा एक ऐसा इंश्योरेंस, जो आपको प्रदूषण संबंधी बीमारियों के लिए कवर दे. PolicyBaazar.com में हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस हेड अमित छाबड़ा के मुताबिक इस स्थ्‍िाति में ऐसा इंश्‍योरेंस लें जो बीमारियों पर आने वाले खर्च को कवर करे. इंश्योरेंस में बीमारी, हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च शामिल हो. डे केयर ट्रीटमेंट और क्रिटिकल इलनेस के लिए भी कवर होना चाहिए.

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हवा में घुलता जहर

दिल्ली के अलावा यूपी के कई शहरों में भी हवा जहरीली

दिवाली के पटाखों और पराली जलाने से बढ़ा है प्रदूषण

हवा प्रदूषण को एयर क्वालिटी इंडेक्स से मापा जाता है

AQI अगर 50 के नीचे रहता है तो यह बेहतर होता है

50 से ज्यादा होने का मतलब हवा में प्रदूषण बढ़ गया है

दिल्ली में जनवरी-नवंबर बीच सिर्फ 2 दिन AQI 50 से नीचे था

17 और 18 अगस्त को दिल्ली में औसत AQI 49 पर था

जहरीली हवा से बीमारी

दिल्ली-NCR में सांस संबंधी बीमारियां हो रही हैं

अन्य शहरों में भी प्रदूषण संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं

प्रदूषण के चलते फेफड़ों में इंफेक्शन की शिकायत बढ़ती है

हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का भी बढ़ रहा खतरा

इंश्योरेंस कैसे करेगा मदद?

लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते बीमारियां भी बढ़ रही हैं

ऐसे में एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस लेना काफी जरूरी है

बीमारियों पर आने वाले खर्च को कवर करेगा इंश्योरेंस

इंश्योरेंस में बीमारी, हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च शामिल

डे केयर ट्रीटमेंट और क्रिटिकल इलनेस के लिए भी कवर

जहरीली हवा से कैसे बचाएगा इंश्योरेंस?

प्रदूषण संबंधी बीमारियों में अक्सर अस्पताल में भर्ती नहीं होते

अक्सर OPD केयर से इलाज किया जाता है

पहले OPD केयर इंश्योरेंस में कम ही शामिल होता था

अब कुछ हेल्थ इंश्योरेंस OPD कवर देने लगे हैं

बच्चों/माता-पिता के साथ रहते हैं तो फैमिली प्लान बेहतर

आयुर्वेदिक इलाज और इंश्योरेंस

हेल्थ इंश्योरेंस में आयुर्वेदिक इलाज का भी विकल्प

आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी इलाज भी संभव

मेडिकल इंश्योरेंस में आपको इलाज चुनने की आजादी

इंश्योरेंस में जैसा चुनाव, उसी हिसाब से प्रीमियम भी होगा

दिल के लिए अलग इंश्योरेंस लें?

हार्ट डिजीज के इलाज में काफी ज्यादा खर्च आता है

एंजियोप्लास्टी, ओपन-हार्ट सर्जरी जैसे इलाज होते हैं

हार्ट पेशेंट के इलाज में लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं

जेब पर अचानक लाखों रुपये का बोझ बढ़ जाता है

ऐसे में दिल के लिए विशेष पॉलिसी लेना फायदेमंद

हेल्थ इंश्योरेंस लेना कितना जरूरी?

हेल्थ इंश्योरेंस लेना सबके लिए बेहतर

हेल्थ इंश्योरेंस व्यक्तिगत स्तर पर भी लें

सिर्फ कंपनी से मिले मेडिक्लेम के भरोसे न रहें

इलाज का खर्च दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है

ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है

 

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस

क्रिटिकल इलनेस कवर में गंभीर बीमारियां होती हैं कवर

अभी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए मिलता है कवर

गंभीर बीमारी होने पर लाखों का खर्च होता है

क्या ध्यान रखें?

बाजार में कई तरह के हेल्थ इंश्योरेंस मिल रहे हैं

अलग-अलग पॉलिसी के फीचर भी अलग-अलग हैं

इंश्योरेंस लेते वक्त फीचर्स की तुलना जरूर करें

कम प्रीमियम के लालच में आकर पॉलिसी न खरीदें

इंश्योरेंस खरीदने के लिए सिर्फ एजेंट पर निर्भर न रहें

इंश्योरेंस लेते वक्त मौजूदा बीमारियों की जानकारी दें

जरूरत पड़ने पर एड-ऑन, राइडर लेने में न हिचकें