Financial Planning: महंगाई के इस दौर में अक्सर लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा अन्य सुख-सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. महीने की शुरूआत में हमारी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा EMI, स्कूल फीस, रेंट वगैरह में चला जाता है. ऐसे में महीने भर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाता है. नीरज भगत एंड कंपनी की CA रूचिका भगत कहती हैं कि महंगाई के इस दौर में अपने फाइनेंशियल स्टेटस पर ध्यान देने और सही वक्त पर सही फैसले लेने से आप अपने एसेट्स को बचा सकते हैं और महंगाई से आगे बढ़कर इंडिपेंडेंट होकर फाइनेंशियल फैसले ले सकते हैं, और जब आप अपने फाइनेंशियल फैसले लेने के लिए स्वतंत्र होंगे तो वही असली अमीरी है.

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आज हम आपको कुछ टिप्स एंड ट्रिक्स बताने वाले हैं, जिससे आप महंगाई के इस दौर में भी खुद को फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बना सकते हैं. 

1. इमरजेंसी फंड

इमरजेंसी फंड एक तरह का सेविंग अकाउंट होता है, जिसे आप केवल किसी इमरजेंसी पर इस्तेमाल करते हैं. इमरजेंसी फंड आपको उधार लेने से बचाता है. कोई इमरजेंसी जरूरत पड़ने पर आपको लोन, उधार या क्रेडिट कार्ड पर निर्भर होना पड़ता है, जो आपको भारी भरकम इंटरेस्ट पर मिलता है. ऐसे में इमरजेंसी फंड आपको गैरजरूरी बोझ से बचाता है.

2. हाई रिटर्न पॉलिसी में इन्वेस्टमेंट

महंगाई के इस दौर में लोग फाइनेंशियल गोल्स तक पहुंचने के लिए सिर्फ अपनी सैलरी पर ही निर्भर नहीं रह सकते है. इन्वेस्टमेंट आपके पैसों को काम में लाता है औैर आपके रेवेन्यू को बढ़ाने में मदद करता है. मार्केट में कुछ ऐसी हाई रिटर्न इन्वेस्टमेंट हैं जो आपके पैसों से अच्छा पैसा बनाने में मदद करेंगी. जैसे बैंक एफडी में निवेश, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), म्यूचुअल फंड आदि. 

3. एसेट्स का इन्वेस्टमेंट

 

अपनी प्रॉपर्टी, सोना जैसे एसेट्स का इन्वेस्टमेंट करें. ये ऐसे एसेट्स हैं जो बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी प्रभावित होते हैं. महंगाई दर बढ़ने से इन एसेट्स का रेट खुद-ब-खुद बढ़ जाता है. इनमें इन्वेस्टमेंट करने से आपको अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है. 

4. दूसरी आमदनी भी बनाएं

सिर्फ जॉब या बिजनेस से होने वाली आमदनी से ही Financial Independent नही बन सकते हैं. इनकम के दूसरे सोर्स बनाएं- जैसे अगर आपका खुद का घर है तो आप कुछ कमरे किराये पर दे सकते हैं, ऑनलाइन वेबसाइट्स पर घर बैठे पार्ट टाइम काम कर सकते हैं या कोई पुरानी कार खरीदकर रेंट पर OLA, UBER जैसी कंपनी में लगा सकते हैं.   

5. अपने पोर्टफोलियो को कुछ-कुछ समय में रिवाइज करते रहें. बाजार के उतार-चढ़ाव के साथ इसे एडजस्ट करते रहें, ताकि आप अप-टू-डेट रहें और मौकों का सही फायदा उठा सकें.

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