GST Council Meeting: ONDC पर E-Commerce Suppliers की TCS देनदारी पर जीएसटी काउंसिल बैठक में होगा फैसला
GST Council 50th Meeting: जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक 11 जुलाई को होनी है. बताया जाता है कि काउंसिल इस बैठक में ऐसे सप्लायर्स पर TCS की देनदारी को लेकर स्पष्टीकरण जारी करेगी, जहां एक लेनदेन में कई परिचालक शामिल हैं.
जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक 11 जुलाई को होनी है. (Image- Freepik)
जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक 11 जुलाई को होनी है. (Image- Freepik)
GST Council 50th Meeting: जीएसटी काउंसिल (GST Council) ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के जरिये ई-कॉमर्स कारोबार करने वाले सप्लायर्स पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्सेज (TCS) की देनदारी को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर सकती है. जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक 11 जुलाई को होनी है. बताया जाता है कि काउंसिल इस बैठक में ऐसे सप्लायर्स पर TCS की देनदारी को लेकर स्पष्टीकरण जारी करेगी, जहां एक लेनदेन में कई परिचालक शामिल हैं.
1 फीसदी की दर से लगता है TCS
ओएनडीसी डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) की नई पहल है. अभी इसपर कोई स्पष्टता नहीं है कि GST कानून के तहत टीसीएस (TCS) अनुपालन का दायित्व किसका होगा. जीएसटी एक्ट (GST Act) के तहत प्रत्येक ई-कॉमर्स ऑपरेटर को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेची जाने वाली वस्तुओं/सेवाओं के टैक्स योग्य मूल्य पर एक फीसदी की दर से TCS जुटाना होता है.
ये भी पढ़ें- अब Zero डिग्री तापमान में भी उगाएं हरी सब्जियां, कमाएं बंपर मुनाफा
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
Adani Group को एक ही दिन में दूसरा झटका! NSE ने ग्रुप कंपनियों से मांगी सफाई, ₹2.45 लाख करोड़ का मार्केट कैप स्वाहा
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
सूत्रों ने कहा कि केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों वाली विधि समिति ने परिषद को सुझाव दिया है कि ऐसी स्थिति में जहां कई ई-कॉमर्स परिचालक (EOC) इस प्लेटफॉर्म पर एक ही लेनदेन में शामिल हैं, वहां टीसीएस का अनुपालन आपूर्ति पक्ष को करना होगा.
ONDC नेटवर्क के दो मॉडल
ONDC नेटवर्क दो मॉडल में संचालित होता है – इन्वेंट्री मॉडल और मार्केटप्लेस मॉडल. इन्वेंट्री मॉडल के तहत, एक खरीदार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर देता है, जो फिर सामान या सेवाओं के लिए आपूर्तिकर्ता को भुगतान करता है. यहां, विक्रेता को भुगतान करते समय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा टीसीएस काटा जाता है.
ये भी पढ़ें- मडुआ है किसानों के लिए वरदान, कम लागत में होगी तगड़ी कमाई, जानिए तरीका
TCS कटौती की देनदारी के बारे में भ्रम मार्केटप्लेस मॉडल के मामले में है, – जहां एक ही लेनदेन में दो मध्यवर्ती शामिल होते हैं. यहां, खरीदार एक ई-कॉमर्स प्लेफॉर्म (खरीदार ऐप) पर ऑर्डर देता है जो फिर इसे किसी अन्य ई-कॉमर्स इकाई (विक्रेता ऐप) से प्राप्त करता है. विक्रेता ऐप तब वास्तविक आपूर्तिकर्ता से सामान खरीदती है. चूंकि इसमें कई इकाइयां शामिल होती हैं, ऐसे में डीपीआईआईटी (DPIIT) ने इस बार में स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या खरीदार ई-कॉमर्स परिचालक या विक्रेता ई-कॉमर्स कंपनी को टीसीएस काटने की जरूरत होगी.
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में, आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय विक्रेता ऐप द्वारा टीसीएस काटना आवश्यक होगा. इस आशय का स्पष्टीकरण मंगलवार को जीएसटी परिषद द्वारा जारी किए जाने की संभावना है. ओएनडीसी का गठन 31 दिसंबर, 2021 को किया गया था. यह धारा आठ की कंपनी है. DPIIT ने यह पहल छोटे खुदरा विक्रेताओं को डिजिटल कॉमर्स का लाभ देने के लिए शुरू की है.
ये भी पढ़ें- मालामाल कर देगी मुर्गे की ये नस्ल, होगी छप्परफाड़ कमाई
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
04:59 PM IST