Gold Vs Sovereign Gold Bonds: गोल्‍ड निवेश का पारंपरिक तरीका है. वर्षों से लोग सोने में निवेश करते आ रहे हैं और आज भी ये सिलसिला जारी है. हालांकि समय के साथ गोल्‍ड में निवेश के तरीके भी बदल गए हैं. अगर निवेश के लिहाज से देखें तो अब सिर्फ फिजिकल गोल्‍ड नहीं, बल्कि डिजिटल गोल्‍ड, सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड वगैरह तमाम तरीके ऐसे हैं, जिसमें इन्‍वेस्‍टमेंट किया जा सकता है.

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लेकिन Gen Z जो 1997 से 2012 के बीच जन्‍मे हैं, जिन्‍होंने हाल ही में कमाना शुरू किया है या जल्‍द ही कमाना शुरू करने वाले हैं, वो अगर इन्‍वेस्‍टमेंट के लिहाज से गोल्‍ड में पैसा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए Physical Gold या Sovereign Gold Bonds दोनों में से कौन सा ऑप्‍शन उनके लिए ज्‍यादा बेहतर है? इसको लेकर Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) ने ज़ी बिजनेस के खास प्रोग्राम 'Gen Z की फाइनेंशियल प्‍लानिंग' में बताया. आइए आपको बताते हैं कि अनिल सिंघवी ने क्‍या कहा-

Gold या Sovereign Gold Bonds कहां बेहतर रिटर्न

अनिल सिंघवी का कहना है कि अगर आप ऐसे निवेशकों में से हैं जो इन्‍वेस्‍टमेंट के मामले में किसी तरह का रिस्‍क नहीं लेना चा‍हते हैं तो आप FD, PF और गोल्‍ड वगैरह में निवेश कर सकते हैं. हालांकि FD, PF का रिटर्न Inflation को मात नहीं दे पाता है, लेकिन गोल्‍ड 'मीडियम रिस्‍क मीडियम रिटर्न' वाली कैटेगरी में आता है. लॉन्‍ग टर्म में ये Inflation के बराबरी का रिटर्न दे देता है. 

आपको अगर महंगाई को बीट करना है तो गोल्‍ड की बजाय सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड को चुनें जो भारत सरकार जारी करती है. इसका फायदा ये है कि जैसे-जैसे गोल्‍ड के पैसे बढ़ेंगे, इस बॉन्‍ड के भी पैसे बढ़ेंगे. साथ में सरकार इसमें 2.5 फीसदी के हिसाब से आपको ब्‍याज भी देती है. इस तरह गोल्‍ड बॉन्‍ड में आपको डबल बेनिफिट मिलता है, गोल्‍ड की कीमत भी बढ़ती है और सालाना 2.5 फीसदी का ब्‍याज भी मिलता है.

कहां से खरीद सकते हैं गोल्‍ड बॉन्‍ड

- बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद सकते हैं

- आप इसे पोस्ट ऑफिस से भी खरीद सकते हैं.

- स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन के जरिए खरीदा जा सकता है.

- BSE, NSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीदने का विकल्प है.

कितना गोल्‍ड खरीद सकते हैं

कोई भी व्‍यक्ति SGB के जरिए एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 1 ग्राम और ज्‍यादा से ज्‍यादा 4 किलो सोने में निवेश कर सकता है. गोल्‍ड बॉन्ड की अवधि बॉन्‍ड के जारी होने की तिथि से 8 वर्ष की होती है. हालांकि 5 साल बाद प्री-मैच्योर रिडम्पशन किया जा सकता है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल),पोस्ट ऑफिस और स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और एनएसई पर बेच सकते हैं.