फिक्स्ड डिपॉजिट या डेट फंड? कहां मिलेगा सुरक्षित निवेश के साथ रिटर्न का फायदा, एक्सपर्ट्स से जानें अपने फायदे की बात
Money Guru: सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर रिटर्न के लिए डेट फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट - कौन सी फिक्स इनकम कैटेगरी आपके लिए फायदेमंद रहेगी. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं इस बारे में सबकुछ.
Money Guru: फिक्स्ड इनकम (Fixed Income) को सुरक्षित निवेश का जरिया माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे आप Debt निवेश से भी वेल्थ कमा सकते हैं. Debt फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) - कौन सी फिक्स इनकम कैटेगरी बढ़ी हुई ब्याज दरों में फायदेमंद रहेगी. इस बारे अधिक जानकारी देने के लिए हमारे साथ हैं, ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला और क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह.
ऊंची ब्याज दरों में हिट स्ट्रैटेजी
- ब्याज दरों के बढ़ने का दौर थमने के आसार
- आगे ब्याज दरें स्थिर या गिर सकती हैं
- ब्याज दरों का गिरना,बॉन्ड के लिए अच्छा
- डेट फंड की NAV बढ़ने से अच्छे रिटर्न का फायदा
- मौजूदा स्थिति में डेट में 3 साल तक नजरिया सही
- मीडियम टू लॉन्ग ड्यूरेशन फंड में अच्छा पैसा बनेगा
डेट में निवेश के टिप्स
- पोर्टफोलियो रीबैलेंस करें
- इक्विटी से डेट में एलोकेशन रीबैलेंस करें
- फिक्स्ड इनकम निवेश को डायवर्सिफाई करें
- मनी मार्केट फंड,शॉर्ट-टर्म फंड में निवेश करें
- PSU डेट फंड में निवेश अच्छा विकल्प
- फ्लोटर फंड और क्रेडिट फंड में निवेश से बचें
डेट में कितने रिस्क?
- इन्फ्लेशन रिस्क
- इन्टरेस्ट रेट रिस्क
- रीइन्वेस्टमेंट रिस्क
- लिक्विडिटी रिस्क
- कॉन्सेन्ट्रेशन रिस्क
- क्रेडिट रिस्क
- ड्यूरेशन रिस्क
फायदे के डेट फंड
- बैंकिंग एंड PSU डेट फंड
- शॉर्ट टर्म डेट फंड
- लॉन्ग ड्यूरेशन फंड
- कॉरपोरेट डेट फंड
- गवर्नमेंट सेक्योरिटी फंड
शॉर्ट टर्म फंड
- छोटी अवधि के डेट फंड
- 1 से 3 साल तक के निवेश के लिए
- सरकारी सिक्योरिटीज,कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश
- साथ ही ट्रेजरी बिल जैसे फिक्स्ड इनकम में निवेश
शॉर्ट टर्म फंड की खासियत
- इमरजेंसी के लिए निवेश
- बचत खाते के मुकाबले ज्यादा रिटर्न
- कम जोखिम का फिक्स्ड इनकम निवेश
- हाई क्वालिटी वाले पेपर में निवेश करें
बैंकिंग एंड PSU डेट फंड
- डेट और मनी मार्केट में निवेश
- बैंक, PSU, PFI जारी करते हैं
- कम से कम 80% निवेश बैंक, सरकारी कंपनियों में
- डिफॉल्ट रिस्क कम, इंट्रेस्ट रेट का असर फंड पर होता है
- 1-3 साल की अवधि के लिए फंड बेहतर
- ब्याज दर में कटौती का फंड परफॉरमेंस पर अच्छा असर
बैंकिंग एंड PSU डेट फंड की खासियत
- हाई क्रेडिट क्वालिटी मेनटेन करना
- छोटी से मध्यम अवधि ड्यूरेशन
- मच्योरिटी पर ब्याज के साथ मूल धन
- FD से बेहतर रिटर्न देने में कारगर
क्यों चुनें टारगेट मैच्योरिटी फंड?
- कम जोखिम और बेहतर रिटर्न का अच्छा जरिया
- TMF में क्रेडिट रिस्क न के बराबर
- मच्योरिटी तक होल्ड करने पर इंटरेस्ट रेट रिस्क नहीं
- 3 साल से ज्यादा होल्ड पर 20% LTCG+इंडेक्सेशन लाभ
- कभी भी एग्जिट करने की सुविधा
- फंड मैनेजमेंट खर्च काफी कम
टारगेट मैच्योरिटी फंड - निवेश से पहले रखें ध्यान
- 5 या 5 साल से अधिक निवेश अवधि के लिए सही
- मैच्योरिटी तक होल्ड करने पर शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव में सहायक
- कम ब्याज दरों में निवेश लॉक-इन करने का जोखिम
- फंड का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं
डेट में कहां बनेगा पैसा? -FD vs डेट फंड
- FD के मुकाबले डेट फंड से बना रिटर्न
- 7-180 दिन की अवधि में लिक्विड फंड ने 2.02% अधिक रिटर्न दिया
- 6-12 महीने में मनी मार्केट फंड ने 1.15% से ज्यादा रिटर्न बनाया
- 12-35 महीने में शार्ट टर्म बॉन्ड फंड का 1.25% से अधिक रिटर्न
कैसे चुनें अच्छा डेट फंड
- डेट फंड की मैच्योरिटी निवेश अवधि से मेल खाए
- फंड जिसका एसेट अंडर मैनेजमेंट हो,उसे चुनें
- कम लागत वाले डेट फंड में निवेश करें
- 10% लिक्विड,70% कोर और 20% टैक्टिकल एलोकेशन करें
एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी
रिस्क प्रोफाइल डेट इक्विटी
कंसर्वेटिव 80% 20%
मॉडरेट 50% 50%
एग्रेसिव 20% 80%
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