लॉकडाउन (lockdown) में पैसों की तंगी को दूर करने के लिए लोग अपने प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) से पैसे निकाल रहे हैं. सरकार ने महामारी की इस घड़ी में कर्मचारियों को अपने पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी रकम निकालने की मंजूरी दी थी. सरकार की इस सहूलियत का बहुत से लोगों ने फायदा उठाया. 

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लेकिन अगर आपकी जरूरत पीएफ अकाउंट के पैसों से पूरी नहीं हो रही है तो आप अपने पेंशन खाते (Employees' Pension Scheme) से भी पैसा निकाल सकते हैं. 

अब प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले सोच रहे होंगे कि वे भला पेंशन खाते से  पैसे कैसे निकाल सकते हैं. क्योंकि, पेंशन की सहूलियत को केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलती है.

लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी आपकी सैलरी में से हर महीने पीएफ के नाम पर जो हिस्सा काटती है उसे दो खातों में जमा किया जाता है. एक हिस्सा प्रोविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जमा होता है.

आपकी सैलरी से कटने वाला 12 फीसदी पैसा ईपीएफ में जमा हो जाता है. कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी प्रोविडेंट फंड में जमा होता है और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा हो जाता है. पेंशन फंड में हर महीने 1,250 रुपये अधिकतम जमा हो सकते हैं.

कर्मचारी पेंशन स्‍कीम (ईपीएस)  में कंपनी के 8.33 फीसदी हिस्सेदारी को 15,000 रुपये की सैलरी के हिसाब से बनाया गया है. 

पेंशन फंड का इस्तेमाल

कर्मचारी पेंशन स्‍कीम (ईपीएस) के नियमों के मुताबिक, किसी कर्मचारी ने नौकरी छोड़ने से पहले 10 साल से कम सेवा की है या 58 साल का हो गया है, जो भी जल्‍दी हो, वह पेंशन फंड खाते से एकमुश्‍त पैसा निकाल सकता है.

अगर आपकी उम्र 58 साल से कम है तो वह एकमुश्‍त पैसा निकालने के बजाय ईपीएस के तहत स्‍कीम सर्टिफिकेट का विकल्‍प ले सकता है. ऐसा स्‍कीम सर्टिफिकेट तब लिया जा सकता है जब व्‍यक्ति ने किसी और संस्‍थान में नौकरी की योजना बनाई हो.

अगर आपकी सर्विस को 10 साल पूरे हो गए हैं तो स्‍कीम सर्टिफिकेट व्‍यक्ति को जारी कर दिया जाता है. जिस दिन से आप ईपीएफ स्‍कीम से जुड़ते हैं, उस दिन से आपकी सर्विस के सालों की गणना की जाती है.

10 साल के पहले सेवा के साल जितने कम होंगे उतनी कम राशि को आप एकमुश्‍त निकाल पाएंगे.  ईपीएस स्‍कीम से एकमुश्‍त निकासी की अनुमति तभी मिलती है अगर सेवा के वर्ष 10 साल से कम हैं. 

EPFO के नियम बताते हैं कि अगर आपकी नौकरी 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाते हैं. इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा. लेकिन पेंशन का हिस्सा रिटायरमेंट से पहले नहीं निकाल पाएंगे.

पेंशन सर्टिफिकेट

सर्विस के 10 साल पूरे होने पर कर्मचारी को पेंशन सर्टिफिकेट मिल जाता है. ईपीएस के तहत 58 साल की उम्र से मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है. अगर आप 9 साल 6 महीने से कम की स्थिति में पेंशन के हिस्सा को निकालते हैं तो आप बाद में पेंशन के लिए हकदार नहीं होंगे. 

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क्योंकि पेंशन खाते से पैसा निकालने का मतलब है पूरा हिसाब-किताब. इसके बाद आपका पेंशन खाता बंद कर दिया जाता है.

ध्यान रखें कि ईपीएस खाते से एकमुश्‍त निकासी टैक्‍स के दायरे में आती है.