प्राइवेट सेक्‍टर में ज्‍यादातर लोग करियर में ग्रोथ के लिहाज से नौकरी बदलते हैं. वहीं कई बार एक ही ऑफिस में लंबे समय तक नौकरी करने से बोरियत होने लगती है, या फिर बॉस के साथ अनबन हो जाती है, इसके कारण लोग नौकरी बदलते हैं. नौकरी बदलने का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन मुद्दे की बात ये है कि नौकरी बदलते समय कई बार लोग नए यूएएन नंबर के साथ दूसरी कंपनियों में अपना EPF अकाउंट ओपन करवा लेते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आप नौकरी चाहे कितनी भी जगहों पर करें, लेकिन अपना UAN नंबर न बदलें. अगर आपने भी ऐसी भूल की है, तो इसे फौरन सुधार लें, वरना आपके फंड प्रॉसेस में प्रॉब्‍लम आ सकती है. इसके लिए आपको एक यूएएन नंबर को डीएक्‍टिवेट करना होगा. यहां जानिए इसका तरीका-

UAN को डीएक्टिवेट करने का तरीका

  • डिएक्टिवेशन के लिए आपको सबसे पहले EPFO की ऑफिशियल वेबसाइट epfindia.gov.in पर जाना होगा. 
  • अब अपना मौजूदा यूएएन नंबर और पासवर्ड डालकर लॉगइन करें. इसके बाद One Member – One EPF Account पर क्लिक करें.
  • अब आपको 'Online Services' सेक्‍शन में जाना होगा और यहां  'रिक्वेस्ट फॉर ट्रांसफर ऑफ अकाउंट' में जाएं.
  • यहां अपने पुराने PF खाते के फंड को नए UAN से लिंक PF खाते में ट्रांसफर करने के लिए अप्लाई करें.
  • इसके बाद EPFO की ओर से आपकी डीटेल्स का वेरिफिकेशन करके मल्‍टीपल यूएएन का पता किया जाता है. 
  • वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद EPFO आपके पुराने सभी UAN डिएक्टिवेट कर देता है और उन यूएएन से जुड़े पीएफ अकाउंट्स को मौजूदा UAN से लिंक कर देता है.
  • इसके बाद पीएफ अकाउंट होल्‍डर को एसएमएस के जरिए सूचना मिलती है और खाताधारक से नए UAN को एक्टिवेट रखने या न रखने के बारे में पूछा जा सकता है.
  • इसके बाद आपके सभी पुराने PF अकाउंट में मौजूद फंड आपके नए यूएएन से जुड़े अकाउंट में आ जाता है. 

ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर सुविधा से EPFO मेंबर्स को राहत

ईपीएफ में पहले एक समस्‍या और आती थी, वो ये कि एक ही UAN के नंबर के नीचे कई सारे ईपीएफ अकाउंट इकट्ठे हो जाते थे, इसके कारण आपका बैलेंस एक जगह नजर नहीं आता था. हालांकि अब इस मामले में सरकार ने ईपीएफओ मेंबर्स को राहत देते हुए ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर की सुविधा शुरू कर दी है. यह सुविधा 1 अप्रैल से मिलनी शुरू हो गई है. ऐसे में EPFO खाताधारकों को नौकरी बदलने पर मैनुअल तरीके से पीएफ ट्रांसफर के लिए अनुरोध करने की जरूरत नहीं होती. इसके लिए, यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) लिंक होना चाहिए और नो योर कस्टमर (KYC) की ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए.