EPFO News: आपका प्रोविडेंट फंड अकाउंट सिर्फ रिटायरमेंट फंड ही नहीं देता और भी कई बेनिफिट्स मिलते हैं. इसलिए जरूरी है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के नियमों को ध्यान से पढ़ा जाए. नियमों का पता नहीं होने पर सब्सक्राइबर्स अपने अकाउंट से जुड़े बेनिफिट का फायदा नहीं ले पाते. यहां हम नुकसान कर बैठते हैं. खासकर EPF विड्रॉल के मामले में ये गलती अक्सर होती है. आज हम आपको बताएंगे EPFO अपने सब्सक्राइबर्स को क्या बेनिफिट्स देता है.

कैसे मिलता है 50 हजार रुपए का फायदा?

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EPF अकाउंट होल्डर्स को EDLI स्कीम के तहत 7 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस, पेंशन, इनकम टैक्स डिडक्शन जैसे फायदे मिलते हैं. लेकिन, इनके अलावा एक Loyalty-cum-Life बेनिफिट भी होता है. इसमें अगर कोई कर्मचारी लगातार 20 साल तक अपने EPF खाते में योगदान नियमित रखता है तो उसे रिटायरमेंट पर 50,000 रुपए तक फायदा मिलता है. यही वजह है कि EPF अकाउंट होल्डर्स को सलाह दी जाती है कि वो नौकरी बदलने पर भी अपने EPF अकाउंट में बिना विड्रॉल योगदान करते रहें. लगातार 20 साल तक अकाउंट में योगदान करने से Loyalty-cum-Life बेनिफिट का फायदा मिलता है.

कोविड के दौरान सामने आया ये बेनिफिट

रिटायर्ड EPFO एन्फॉर्समेंट ऑफिसर और एक्सपर्ट भानु प्रताप शर्मा का कहना है कि साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान CBDT ने Loyalty-cum-Life बेनिफिट का फायदा उन अकाउंटहोल्डर्स तक पहुंचाने की सिफारिश की थी, जिन्होंने 20 साल तक अपने EPF अकाउंट में योगदान किया है. केंद्र सरकार ने भी इसे मंजूरी दी थी. मतलब अगर कोई इसके लिए योग्य है तो उन्हें 50,000 रुपए का अतिरिक्त फायदा मिलेगा.

किसे कितना फायदा मिलेगा?

Loyalty-cum-Life बेनिफिट के तहत 5,000 रुपए तक की बेसिक सैलरी वाले लोगों को 30,000 रुपए का फायदा मिलता है. 5,001 रुपए से लेकर 10,000 रुपए के बीच बेसिक सैलरी वालों को 40,000 रुपए के फायदा मिलेगा और 10,000 रुपए से ज्यादा बेसिक सैलरी है तो उन्हें 50,000 रुपए का फायदा मिलता है.

फायदा उठाने के लिए आपको क्या करना है?

EPFO सब्सक्राइबर्स को इसका फायदा लेने का सबसे बेहतर तरीका ये है कि अगर वो अपनी नौकरी बदलते हैं तो एक ही EPF अकाउंट को जारी रखें. अपने पुराने नियोक्ता और मौजूदा नियोक्ता को इसकी जानकारी देनी होती है. आमतौर पर नौकरी करते समय पीएफ​ विड्रॉल (PF Withdarwal) नहीं करने की सलाह दी जाती है. सब्सक्राइबर्स को इससे इनकम टैक्स समेत रिटायरमेंट फंड में नुकसान हो सकता है. इससे उन्हें पेंशन बेनिफिट और लॉयल्टी का भी नुकसान होता है.