EPFO: किन स्थितियों में आप ईपीएफ से कर सकते हैं आंशिक निकासी? नौकरीपेशा जान लें काम की बात
EPF Withdrawal Rules 2024: अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने ईपीएफओ (EPFO) में कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं, तो जरूरत पड़ने पर आप ईपीएफओ से नौकरी के दौरान भी आंशिक निकासी कर सकते हैं और पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं.
EPF Partial Amount Withdrawal: जिंदगी में कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जब आपको पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत होती है और इंसान को उसके लिए लोन तक लेना पड़ जाता है. लेकिन अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने ईपीएफओ (EPFO) में कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं, तो जरूरत पड़ने पर आप नौकरी के दौरान भी ईपीएफओ से आंशिक निकासी कर सकते हैं और पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. ईपीएफओ मेंबर्स को तमाम स्थितियों के बीच नौकरी के दौरान भी रकम निकासी की सुविधा देता है. यहां जानिए आप किन स्थितियों में ईपीएफ अकाउंट से आंशिक निकासी कर सकते हैं.
मकान या जमीन के लिए
अगर आप लगातार पांच सालों से ईपीएफओ खाते में योगदान करते आ रहे हैं, तो आप कुछ शर्तों के साथ ईपीएफओ से आंशिक निकासी कर सकते हैं. अगर आप प्लॉट या मकान खरीदने के लिए पीएफ से पैसा निकालना चाहते हैं तो मासिक वेतन का 24 गुना तक और घर खरीदने और बनाने दोनों के लिए मासिक वेतन का 36 गुना तक रकम निकाल सकते हैं.
ईपीएफओ हाउसिंग स्कीम भी है विकल्प
आप चाहें तो मकान की खरीद आदि जरूरत को पूरा करने के लिए ईपीएफओ हाउसिंग स्कीम के तहत ईपीएफओ की कुल राशि का 90 फीसदी हिस्सा भी निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका 10 सदस्यीय कोऑपरेटिव या हाउसिंग परपज के लिए बनाई गई सोसायटी का सदस्य होना जरूरी है. साथ ही तीन साल तक ईपीएफ में कंट्रीब्यूशन जरूरी है. लेकिन अगर आपके पीएफ अकाउंट में पीएफ का पैसा 20 हजार से कम है, तो आप इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं.
घर के रेनोवेशन या होम लोन चुकाने के लिए
5 साल तक ईपीएफ में लगातार कॉन्ट्रीब्यूशन करने के बाद आप घर के रेनोवेशन के लिए भी राशि निकाल सकते हैं. ये रकम मासिक वेतन का 12 गुना तक हो सकती है. कर्मचारी ने न्यूनतम 3 वर्ष की सेवा की हो, तो वो होम लोन के भुगतान के लिए रकम निकासी कर सकता है. ऐसे में वो पीएफ बैलेंस का 90% तक निकाल सकता है.
मेडिकल उपचार के लिए
गंभीर बीमारी के इलाज, काम के दौरान किसी हादसे में स्थायी रूप से विकलांग होने पर, कंपनी के बंद हो जाने पर आदि इस तरह की आपात स्थिति में अवधि को लेकर कोई शर्त नहीं है. अपने या परिवार के इलाज के लिए ईपीएफ अकाउंट होल्डर चाहे तो ईपीएफ की पूरी रकम भी निकाल सकता है, लेकिन इसके लिए उसे एक महीने या उससे ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती होने का सबूत देना होगा.
शादी और पढ़ाई के लिए
अगर आपकी बहन, बेटी, बेटा या किसी परिवारीजन की शादी है या फिर आप अपनी या बच्चों की शिक्षा के लिए ईपीएफ से आंशिक निकासी करना चाहते हैं, तो दोनों ही स्थितियों में आपकी 7 वर्ष की नौकरी होना जरूरी है. 7 वर्ष की नौकरी के बाद आप ब्याज के साथ अपने अंशदान की 50 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.
नौकरी छूट जाने पर
कंपनी के 15 दिन से ज्यादा बंद रहने पर कर्मचारी ईपीएफ के तौर पर जमा अपने हिस्से का पूरा पैसा कभी भी निकाल सकता है.अगर आपकी नौकरी छूट गई है या आपने छोड़ दी है और एक महीने बाद ही आप फंड की निकासी करना चाहते हैं; तो आप 75 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बकाया राशि को नए रोजगार मिलने पर आपके नए EPF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लेकिन दो महीने लगातार बेरोजगार रहने पर आप पीएफ की पूरी रकम निकाल सकते हैं.