EPF Calculation: ₹10,000 बेसिक सैलरी, 30 साल उम्र; रिटायरमेंट पर कितने लाख के बनेंगे मालिक
EPF Calculation: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.15 फीसदी सालाना है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ईपीएफ अकाउंट का प्रबंधन करता है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
EPF Calculation: प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए इम्प्लॉइड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. EPF अकाउंट में कर्मचारी और कंपनी दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन होता है. यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी (+DA) का 12-12 फीसदी होता है. सरकार की ओर से हर साल EPF की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.15 फीसदी सालाना है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ईपीएफ अकाउंट का प्रबंधन करता है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
30 साल उम्र, ₹10,000 बेसिक सैलरी
मान लीजिए बेसिक सैलरी (+DA) 10,000 रुपये और उम्र 30 साल है. 58 साल की उम्र रिटायरमेंट की है. इस तरह आपके पास 28 साल कंट्रीब्यूशन के लिए हैं. EPF Calculator के मुताबिक, इस आधार पर जब रिटायरमेंट तक PF का कैलकुलेशन करते हैं, तो करीब 67 लाख का फंड तैयार होगा. इसमें हर साल 10 फीसदी सालाना सैलरी इंक्रीमेंट को शामिल किया गया है.
EPF Calculation: इस तरह समझिए
बेसिक सैलरी+DA= ₹10,000
मौजूदा उम्र= 30 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.15 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 67.75 लाख (इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 21.40 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 6.54 लाख रुपये रहा. इस तरह कुल कंट्रीब्यूशन 27.95 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.15 फीसदी ली गई है.)
EPF कंट्रीब्यूशन की डीटेल समझें
EPF अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (DA) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही EPF अकाउंट में जाती है. जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है.
कैसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानी मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की कैलकुलेशन (PF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.
(डिस्क्लेमर: यहां EPF कैलकुलेशन का फंड अनुमानित है. ब्याज दर में बदलाव, रिटायमेंट की उम्र कम होने या औसत हर सालाना सैलरी ग्रोथ में बदलाव से आंकड़े बदल सकते हैं.)
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