EPFO की WhatsApp हेल्पलाइन सर्विस लॉन्च, तुरन्त मिलेगा फायदा
PF अंशधारक व्यक्तिगत स्तर पर EPFO के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ सीधे बातचीत कर सकते हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर के लिए नई वॉट्सऐप (WhatsApp) हेल्पलाइन सर्विस लॉन्च की है. इस सर्विस के जरिए सदस्यों की शिकायतों का तुरन्त समाधान होगा. श्रम मंत्रालय ने ये जानकारी शेयर की है. मंत्रालय के मुताबिक, EPFO की इस सर्विस के जरिए शिकायतों का समाधान दूसरे प्लेटफॉर्म से अलग होगा.
EPFO की वॉट्सऐप सर्विस से पहले दूसरे प्लेटफॉर्म्स में EPFIGMS पोर्टल (EPFO का ऑनलाइन शिकायत समाधान पोर्टल), CPGRAMS, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Facebook and Twitter) और 24 घंटे काम करने वाला कॉल सेंटर शामिल हैं.
बिना दिक्कत मिलेगी सुविधा
मंत्रालय के मुताबिक, EPFO ने अपने सदस्यों के जीवन को और ज्यादा सुगम बनाने के लिए वॉट्सऐप आधारित हेल्पलाइन-सह-शिकायत निवारण प्रणाली की शुरुआत की है. निर्बाध पहल की श्रृंखला के तहत उठाए गए इस कदम का मकसद अंशधारकों को कोविड-19 महामारी के दौरान बिना दिक्कतों के सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करना है.
सीधे कीजिए EPFO से बातचीत
PF अंशधारक व्यक्तिगत स्तर पर EPFO के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ सीधे बातचीत कर सकते हैं. अब EPFO के सभी 138 क्षेत्रीय कार्यालयों में वॉट्सऐप हेल्पलाइन सेवाएं शुरू हो चुकी है. कोई भी संबंधित पक्ष जहां पर उनका पीएफ खाता है, उस संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर पर वॉट्सऐप संदेश के जरिए EPFO से जुड़ी सेवाओं को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकता है.
वेबसाइट पर मिलेंगे नंबर्स
सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के वॉट्सऐप हेल्पलाइन नंबर EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. EPFO के इस हेल्पलाइन का उद्देश्य डिजिटल पहल को अपनाते हुए अंशधारकों को आत्मनिर्भर बनाना है और बिचौलियों पर उनकी निर्भरता को खत्म करना है.
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शिकायतों का तुरन्त समाधान सुनिश्चित करने के लिए और वॉट्सऐप पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर सुनिश्चित करने के लिए हर क्षेत्रीय कार्यालय में विशेषज्ञों की एक अलग टीम बनाई गई है. इस हेल्पलाइन की शुरूआत के साथ यह काफी लोकप्रिय हो चुका है. अब तक EPFO ने वॉट्सऐप के जरिए 1,64,040 से ज्यादा शिकायतों और सवालों का समाधान किया है. वॉट्सऐप हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद फेसबुक/ट्विटर जैसे सोशल मीडिया माध्यमों पर शिकायतों/प्रश्नों में 30 फीसदी की कमी आई है. EPFIGMS पोर्टल पर 16 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.