मेडिकल कंडीशन कभी भी किसी के भी सामने आ सकती है. इस तरह की स्थितियों में आपका कितना पैसा खर्च होगा, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. कई बार तो इंश्‍योरेंस की रकम भी ऐसे मामलों में कम पड़ जाती है. अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने ईपीएफओ में कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन देते हैं, तो ऐसी स्थितियों में आपको मदद मिल सकती है. ईपीएफओ मेंबर्स को तमाम परिस्‍थितियों में अपने प्रोविडेंट फंड से आंशिक निकासी करने की सुविधा मिलती है. आइए जानते हैं कि आप ईपीएफ से इलाज के लिए कितनी रकम निकाल सकते हैं.

जानिए इलाज के लिए कितनी रकम निकाल सकते हैं?

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अगर आप ईपीएफओ से खुद के इलाज या जीवनसाथी, बच्‍चों और पैरेंट्स की किसी बीमारी के इलाज के लिए रकम निकासी करना चाहते हैं, तो ऐसा कर सकते हैं. इसे निकालने के लिए किसी तरह का लॉक-इन पीरियड नहीं रखा गया है और न ही न्‍यूनतम सेवा की कोई अवधि है. इलाज के लिए ईपीएफओ मेंबर ब्याज के साथ योगदान की राशि का छह गुना या मासिक वेतन का छह गुना (जो भी कम हो), वो रकम निकाल सकते हैं. 

इन स्थितियों में भी कर सकते हैं आंशिक निकासी

- अगर आपकी बहन, बेटी, बेटा या किसी परिवारीजन की शादी है या फिर आप अपनी या बच्‍चों की शिक्षा के लिए ईपीएफ से आंशिक निकासी करना चाहते हैं, तो दोनों ही स्थितियों में आपकी 7 वर्ष की नौकरी होना जरूरी है. 7 वर्ष की नौकरी के बाद आप ब्‍याज के साथ अपने अंशदान की 50 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.

- 5 साल तक ईपीएफ में लगातार कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन करने के बाद आप घर के रेनोवेशन के लिए भी राशि निकाल सकते हैं. ये रकम मासिक वेतन का 12 गुना तक हो सकती है. लेकिन इसके लिए घर को ईपीएफओ मेंबर के नाम पर या पति / पत्नी के साथ संयुक्त रूप से होना चाहिए. 

- कर्मचारी ने न्यूनतम 3 वर्ष की सेवा की हो, तो वो होम लोन के भुगतान के लिए रकम निकासी कर सकता है. ऐसे में वो पीएफ बैलेंस का 90% तक निकाल सकता है.

- अगर आप प्लॉट या मकान खरीदने के लिए पीएफ से पैसा निकालना चाहते हैं तो मासिक वेतन का 24 गुना तक और घर खरीदने और बनाने दोनों के लिए मासिक वेतन का 36 गुना तक रकम निकाल सकते हैं.

- कंपनी के 15 दिन से ज्यादा बंद रहने पर कर्मचारी ईपीएफ के तौर पर जमा अपने हिस्‍से का पूरा पैसा कभी भी निकाल सकता है.अगर आपकी नौकरी छूट गई है या आपने छोड़ दी है और एक महीने बाद ही आप फंड की निकासी करना चाहते हैं; तो आप 75 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.  बकाया राशि को नए रोजगार मिलने पर आपके नए EPF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लेकिन दो महीने लगातार बेरोजगार रहने पर आप पीएफ की पूरी रकम निकाल सकते हैं.