EPF Withdrawal Rules 2023: आपने ऑनलाइन EPF निकालने के लिए क्लेम किया. चार दिन इंतजार किया और फिर पता चला कि क्लेम रिजेक्ट हो गया. रिजेक्शन की वजह भी पता चल गई, चलो अब दोबारा क्लेम भर दिया. लेकिन, ये क्या अब दूसरी वजह से क्लेम रिजेक्ट हो गया. ऐसा कई बार शशांक के साथ हो चुका है. शशांक ने EPFO में शिकायत की लेकिन कोई हल नहीं निकला. शिकायतें सरकार तक पहुंची और फिर नया आदेश आ गया. नौकरीपेशा के लिए EPF विड्रॉल करना अब आसान होगा. क्लेम सेटलमेंट के नियमों में ढील दी गई है. बार-बार अगर क्लेम रिजेक्ट हो रहा है तो अब नहीं होगा.

रिजेक्ट नहीं होगा EPF क्लेम

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सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी EPF सब्सक्राइबर्स के अकाउंट क्लेम पर जल्दी कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही सब्सक्राइबर्स को उनका क्लेम जल्दी मिलना चाहिए. श्रम मंत्रालय ने EPFO को निर्देश दिए हैं कि आवेदन करने वाले सब्सक्राइबर्स की अगर डेटा बेस में डीटेल्स मैच करती हैं तो उनका क्लेम दूसरी वजहों से रिजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए. सूत्रों की मानें तो EPFO कार्यालयों में इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.

EPF विड्रॉल के नियम बदले

अब खाताधारकों का EPF क्लेम यूं ही रिजेक्ट नहीं होगा. पिछले काफी समय से अकाउंट होल्डर्स की शिकायत रहती थी कि जब उन्हें जरूरत हो तो उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. निकासी के नियम ऐसे हैं, जिनकी वजह से उनका विड्रॉल अटक जाता है. सरकार ने इस पर एक्शन लेते हुए EPFO को निर्देश दिया है कि क्लेम रिजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही क्लेम का इंतजार भी लंबा नहीं होना चाहिए. कोशिश की जाए तो जल्द से जल्द क्लेम का निपटारा हो. श्रम मंत्रालय ने इन सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए नई गाइडलाइंस जारी कीं.

क्या हैं EPF क्लेम को लेकर नए निर्देश?

श्रम मंत्रालय (Ministry of labour and employment) ने ईपीएफओ (EPFO) के सख्त निर्देश दिया है क्लेम को जल्दी क्लोज किया जाए. अगर क्लेम में कोई खामी है या कर्मचारी की तरफ से फाइल करते वक्त कोई गलती हो गई है तो जल्दी इसका फीडबैक दिया जाए. इसके अलावा उस गलती को दुरुस्त करने को कहा जाए. इससे क्लेम सेटलमेंट कम समय में पूरा होगा. इसके अलावा EPFO को रिजेक्ट किए गए क्लेम की समीक्षा करनी होगी और तय समय में फिर से क्‍लेम को प्रोसेस कराना होगा.

एक बार में ही बतानी होंगी सारी खामियां

नए नियमों के तहत EPFO को एक ही बार में कर्मचारी को अकाउंट से जुड़ी सभी खामियां बतानी होंगी, ताकि क्लेम बार-बार रिजेक्ट न हों. श्रम मंत्रालय को काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं कि EPFO क्लेम रिजेक्ट करते वक्त सारी जानकारी नहीं देता. सिर्फ एक लाइन में रिजेक्शन निपटा देता है. इसके बाद दोबारा क्लेम फाइल करने पर भी रिजेक्ट होने के चांस रहते हैं. अगर अकाउंट होल्डर को एक बार में ही सभी खामियों को पता होगा तो वो उसे दुरुस्त कराकर क्लेम कर सकेगा. इससे क्लेम बार-बार रिजेक्ट नहीं होगा.