Employees' Pension Scheme: नौकरी करने वाले ज्‍यादातर लोगों प्रोविडेंट फंड (Provident Fund-EPF) अकाउंट होता है. EPF के साथ ही कर्मचारियों का कर्मचारी पेंशन स्‍कीम-EPS (Employees' Pension Scheme) अकाउंट भी होता है. इसे पेंशन फंड भी बोलते हैं. हर महीने एम्प्लॉई के अकाउंट में पेंशन की रकम जमा होती है. यह रकम कर्मचारी की कंपनी के खाते से जमा होती है. लेकिन, अकसर लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि EPS का पैसा कब निकाल सकते हैं. कुछ शर्तों के साथ EPS से पैसा निकालने की इजाजत है. आइए, जानते हैं इससे जुड़ा सबकुछ...

कर्मचारी पेंशन स्‍कीम में कैसे जमा होता है पैसा?

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EPFO के मौजूदा नियमों के मुताबिक, कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी (Basic Salary+DA) का 12 फीसदी EPF अकाउंट में कॉन्ट्रिब्‍यूट करता है. वहीं, एम्प्लॉयर (Company) भी इतनी ही आपके प्रोविडेंट फंड अकाउंट में डालती है. हालांकि, एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन में से 3.67 फीसदी EPF और 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्‍कीम (Employees' Pension Scheme) में जमा होता है. लेकिन, इसमें हर महीने 1,250 रुपए की कैप लगी है. दरअसल, EPS में 8.33 फीसदी कंट्रीब्यूशन 15000 रुपए (Basic+DA) पर कैलकुलेट होता है. हालांकि, इस कैपिंग (लिमिट) को हटाने की मांग लंबे समय से चल रही है और सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई चल रही है.

EPS अकाउंट से कौन निकाल सकता है पैसा?

EPFO रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिसर भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, EPS अकाउंट से दो स्थितियों में ही एकमुश्‍त पैसा निकाला जा सकता है. EPS नियमों के मुतबिक, नौकरी छोड़ने से पहले सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है या कर्मचारी 58 साल का हो गया है (जो भी जल्‍दी हो) तो वह पेंशन फंड का पैसा एकमुश्‍त निकाल सकता है. अगर 58 साल के हो चुके हैं तो भी एकमुश्‍त पैसा निकालने के बजाए EPS स्‍कीम सर्टिफिकेट का विकल्‍प होता है. वहीं, स्‍कीम सर्टिफिकेट तब भी लिया जा सकता है जब कर्मचारी ने किसी और संस्‍थान में नौकरी ज्वाइन की हो या सर्विस हिस्ट्री 10 साल से ज्यादा हो चुकी है, ऐसी स्थिति में स्‍कीम सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है.

कैसे कैलकुलेट करता है EPFO सर्विस हिस्ट्री?

EPFO साल की गिनती तब से करता है जिस दिन से आप EPF स्‍कीम से जुड़ते हैं. हालांकि, जरूरी नहीं है कि सर्विस हिस्ट्री लगातार हो. मतलब अगर आप एक कंपनी में काम करते हुए 2010 में EPF स्‍कीम से जुड़े. यहां 3 साल (2013) काम करने के बाद नौकरी बदल ली. लेकिन दूसरी कंपनी में EPF बेनिफिट ऑफर नहीं होता, क्‍योंकि वह कंपनी EPF के दायरे में नहीं आती. यहां कर्मचारी ने 4 साल काम किया. 2017 में आप फिर से नौकरी बदल ली और तीसरी कंपनी में चला गया, जहां EPF स्‍कीम का फायदा मिलता है. ऐसी स्थिति में साल 2021 तक EPS विड्रॉल में आपकी सर्विस हिस्ट्री का कैलकुलेशन पहली और तीसरी कंपनी में बिताए साल के आधार पर होगा. बीच में दूसरी कंपनी की हिस्ट्री को नहीं गिना जाएगा. मतलब आपकी सर्विस हिस्ट्री कुल 7 साल की मानी जाएगी. ऐसे में आप एकमुश्‍त पेंशन फंड से पैसा निकाल सकते हैं. 

EPS अकाउंट से कितना पैसा निकाल सकते हैं?

नौकरी के 10 साल के पहले (Service history) में जितने कम होंगे उतनी कम राशि को आप एकमुश्‍त निकाल पाएंगे. EPS स्‍कीम से एकमुश्‍त निकासी की अनुमति तभी मिलती है अगर सर्विस 10 साल से कम हैं या फिर 58 की उम्र में जब रिटायरमेंट होता है. 10 साल से कम की स्थिति में EPS स्‍कीम 1995 में दी गई Table D के आधार पर पैसा निकाल सकते हैं.

EPS-95 Table D नौकरी छोड़ने पर कॉन्ट्रिब्‍यूशन की वापसी

सर्विस हिस्ट्री (नौकरी के साल) नौकरी छोड़ने पर सैलरी का हिस्‍सा (पेंशन फंड)
1 1.02
2 1.99
3 2.98
4 3.99
5 5.02
6 6.07
7 7.13
8 8.22
9 9.33

ज्यादा जानकारी के लिए EPS के विड्रॉल, पेंशन और बाकी नियम समझने के लिए EPFO के इस PDF पर क्लिक करें.

कैसे मिलता है पेंशन सर्टिफिकेट?

सर्विस के 10 साल पूरे होने पर कर्मचारी पेंशन सर्टिफिकेट ले सकता है. इस सर्टिफिकेट में पेंशन योग्‍य सर्विस, सैलरी और नौकरी छोड़ने पर दी जाने वाली पेंशन की रकम का जिक्र होता है. अगर किसी व्‍यक्ति के पास 10 साल या इससे ज्यादा की सर्विस का स्‍कीम सर्टिफिकेट है तो वह EPS के तहत 58 साल की उम्र से मासिक पेंशन का हकदार बनता है. हालांकि, उसे 50 साल की उम्र से अर्ली पेंशन (Early pension) के लिए आवेदन करने का भी अधिकार होता है. हालांकि, 50 की उम्र में मंथली पेंशन 58 की उम्र में मिलने वाली पेंशन से कम होगी.

क्‍या EPS विड्रॉल पर टैक्स कटेगा?

EPFO के रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर एके शुक्ला के मुताबिक, EPS खाते से एकमुश्‍त विड्रॉल टैक्‍स के दायरे में आता है. हालांकि, इनकम टैक्‍स कानून में इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि यह टैक्‍स कितना होगा या किस आधार पर कटेगा. EPF स्‍कीम में नौकरी जाने की स्थिति में सदस्‍य के पास पूरी रकम निकालकर खाते को बंद कराने का विकल्‍प होता है. खाते बंद कराने (2 महीने से ज्‍यादा समय के लिए बेरोजगार रहने) पर EPF और EPS खाते (शर्त यह है कि सेवा के साल 10 साल से कम हों) से एकमुश्‍त पूरी रकम निकाली जा सकती है.