APY: ₹5000 पेंशन देने वाली इस स्कीम से जुड़े 7 करोड़ लाभार्थी, FY2024-25 में हुए 56 लाख से ज्यादा नामांकन
अटल पेंशन योजना यानी APY के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं. अब तक इस स्कीम से करोड़ों लोग जुड़ चुके हैं. योजना के दसवें वर्ष में PFRDA ने आंकड़ों की जानकारी दी है.
भारत सरकार लोगों को मदद पहुंचाने के लिए कई सारी योजनाएं चलाती है. अटल पेंशन योजना भी इनमें से एक है. Atal Pension Scheme बुढ़ापे पर पेंशन देने के लिहाज से शुरू की गई थी. इस स्कीम के जरिए ऐसे लोग जो टैक्सपेयर नहीं हैं, वो बुढ़ापे पर अपने लिए 5,000 रुपए तक पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं. 18 से 40 वर्ष की उम्र के नागरिक इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अटल पेंशन योजना यानी APY के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं. अब तक इस स्कीम से करोड़ों लोग जुड़ चुके हैं.
इस साल हुए 56 लाख से ज्यादा नामांकन
योजना के दसवें वर्ष में पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की ओर से मंगलवार को Gross Registration के आंकड़ों की जानकारी दी गई है. PFRDA द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक,अटल पेंशन योजना से अब तक 7 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं. वहीं इस योजना के तहत वर्ष 2024-25 में अब तक 56 लाख से अधिक नामांकन हुए हैं. PFRDA ने 10वें वर्ष में हुए नामांकन को बड़ी उपलब्धि बताया है.
1,000- 5000 रुपए तक मिलती है पेंशन
अटल पेंशन योजना के तहत नागरिकों को 60 वर्ष की उम्र में पेंशन की सुविधा दी जाती है. यह भारत में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित पेंशन योजना है, जिसे पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा रेगुलेट किया जाता है. योजना के तहत लाभार्थी को 1,000- 5000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाती है. पेंशन की राशि लाभार्थी को उसके द्वारा योजना में दिए योगदान के आधार पर तय होती है.
कमजोर वर्ग को पेंशन के दायरे में लाने वाली स्कीम
भारत का कोई भी नागरिक जो टैक्सपेयर नहीं है, इस योजना में नामांकन करवा सकता है. योजना के लिए व्यक्ति का डाकघर या बैंक में एक बचत खाता होना अनिवार्य है. पीएफआरडीए ने कहा, समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने की यह उपलब्धि सभी बैंकों और एसएलबीसी/यूटीएलबीसी के अथक प्रयासों से संभव हो पाई है. हाल के दिनों में, नियामक प्राधिकरण ने योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचार करना और नियमित निष्पादन समीक्षा करना जैसी पहल की है.