भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपने लाखों रेल कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत दी है. अब अगर रेल कर्मचारी ट्रांसफर के लिए रिक्‍वेस्‍ट करते हैं तो उन्‍हें तय तारीख से पहले रिलीव करना होगा. रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक विभाग का प्रमुख (HoD) को कर्मचारी का ट्रांसफर लेटर आने के बाद उसे तुरंत रिलीव करना होगा.

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यह शर्त रखी

अगर HoD को तत्‍काल ट्रांसफर में दिक्‍कत है तो उसे सीनियर अधिकारी के पास दरख्‍वास्‍त देनी होगी. लेकिन इस पर भी वह 3 महीने से ज्‍यादा ट्रांसफर रिक्‍वेस्‍ट वाले कर्मचारी को नहीं रोक पाएगा. तुरंत रिलीव न करने का कारण भी स्‍पेसिफिक होना चाहिए.

2017 में मिली थी इजाजत

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे ने अपने होम टाउन में ट्रांसफर चाह रहे कर्मचारियों को 2017 में इसकी इजाजत दे दी थी. लेकिन यह क्‍लीयर नहीं किया था कि ट्रांसफर होने के कितने दिन में HoD उन्‍हें रिलीव कर देंगे. रेलवे बोर्ड के इस आदेश की कॉपी जी बिजनेस के पास है. इसमें कहा गया है कि ट्रांसफर होने के बाद कर्मचारी को तुरंत रिलीव किया जाए. इससे कर्मचारी को कोई शिकायत नहीं होगी. हालांकि कई बार किसी कर्मचारी को तुरंत रिलीव करना आसान नहीं होता.

क्‍या थी शर्त

दरअसल पंजाब में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो उत्‍तर प्रदेश और बिहार के हैं. वे अपने जिले में तबादला चाहते थे. इसको ध्‍यान में रखकर तबादला नीति बदली गई थी. पहले यह शर्त थी कि नौकरी में आने के 5 साल बाद ही रेलवे कर्मचारी का ट्रांसफर होगा.

रेलवे एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क

इंडियन रेलवे देश में एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है. इसमें 16 रेलवे जोन आते हैं. इसमें Northern railway, North Eastern railway, North East Peripheral railway, Eastern railway, South Eastern Railway, South Central Railway, Southern Railway, Central Railway, Western Railway, South Western Railway, North Western Railway, West Central Railway, North Central Railway, SouthEast Central Railway, East Central Railway और East Coast railway है.