7th Pay Commission के तहत भत्ते व पुरानी पेंशन स्कीम की मांगों को ले कर कई राज्यों के कर्मचारी 03 दिसम्बर को दिल्ली पहुंचे और हुंकार रैली निकालते हुए जंतर - मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया. कर्मचारियों के इस रुख को देखते हुए सरकार के केबिनेट सचिव की ओर से सोमवार देर शाम इन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया है. सरकार के इस कदम को कर्मचारियों बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. माना जा रहा है कि कर्मचारियों की कुछ मांगों पर सरकार विचार कर सकती है.

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पुरानी पेंशन लागू करना होगी प्रमुख मांग

 देश भर के कर्मचारी संगठनों के संयुक्त प्लेटफार्म पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि सरकार के केबिनेट सचिव की ओर से सोमवार शाम को बातचीत के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहाक कि कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि 7th Pay Commission के तहत तत्काल सभी भत्ते मिलने शुरू होने चाहिए, न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाना चाहिए व फिटमेंट फामूला में सुधार होना चाहिए. वहीं दूसरी प्रमुख मांग है कि तत्काल पुरानी पेंशन को लागू किया जाए. प्रमुख रूप से इन मांगों पर ही सरकार के प्रतिनिधियों से बात की जाएगी.

कई राज्यों में अब तक नहीं मिल रहा 7th Pay Commission

पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीपी मिश्रा के अनुसार कई राज्यों में 7th Pay Commission अब तक लागू नहीं हो सका है. कई जगहों पर कमेटियां बना दी गईं हैं तो कई जगहों पर कुछ और पेंच फंसा है. ऐसे में केंद्र सरकार की मांग की जाएगी कि ऐसी मुश्किलों को ध्यान में रखतें हुए एक केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया गया जिसकी सिफारिशें केंद्र के साथ देश के सभी राज्यों में भी लागू हों.

रेल कर्मियों ने शुरू की भूख हड़ताल

रेल कर्मियों के संगठन उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन ने 7th Pay Commission के तहत मांगों को ले कर 03 से 10 दिसम्बर के बीच भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है. कर्मचारी दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर हड़ताल करेंगे. इन कर्मचारियों की मांग है कि 7th Pay Commission के तहत तत्काल न्यूनतम वेतन को 26000 किया जाए. वहीं फिटमेंट फार्मूले को 2.57 से बढ़ा कर 3.7 किया जाए. वहीं पुरानी पेंशन स्कीम की मांग भी की गई है.

रेल कर्मियों को भी बातचीत के लिए बुलाया गया

7th Pay Commission के तहत वेतन भत्त दिए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम व अपनी 47 सूत्रीय मांगों को ले कर रेल कर्मचारी 26 नवम्बर से 30 दिसम्बर के बीच जनजागरण अभियान चला रहे थे. देश भर में इस अभियान के तहत कर्मचारियों को 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा गया. कर्मचारियों को बताया गया कि वर्क टू रूल क्या है. रेल कर्मचारियों के इस रुख को देखते हुए रेल मंत्रालय ने कर्मचारियों की मांगों पर बातचीत करने के लिए कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को 04 दिसम्बर के लिए बुलाया है. इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों को ले कर कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं.

रेलवे संगठनों की ओर से आंदोलन की तय है रूपरेखा

रेलकर्मियों के संगठन नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की ओर से जारी किए गए आंदोलन के शिड्यूल के तहत 26 से 30 नवम्बर तक पूरे उत्तर रेलवे में जम्मू से ले कर वाराणसी तक धरना- प्रदर्शन व रैली सभाओं का आयोजन कर जन जागरण अभियान चलाया गया. इस अभियान के माध्यम से रेल कर्मियों को मांगों के प्रति जागरूक करने के साथ ही 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा गया है. 03 दिसम्बर को नार्दन रेलवे की सभी शाखाओं पर प्रदर्शनों का आयोजन किया गया और लोगों को रेल कर्मियों की मांगों पर प्रशासन की अब तक की प्रतिक्रिया के बारे में बताया गया.