रेलवे में काम करने वाले दिव्यांगों के संगठन डिसेबल इम्पलाइज एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बड़े आंदोलन की घोषणा की है. इसके तहत कर्मचारी 11 फरवरी को बड़ौदा हाउस से रेलवे बोर्ड तक 11 फरवरी को स्वाधिकार रैली निकालेंगे. संगठन के अध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने कहा कि देश भर में विकलांग कर्मचारियों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है. 7th Pay Commission के तहत दिव्यांग कर्मचारियों को मिलने वाले ट्रैवलिंग एलाउंस की अधिकतम सीमा को 1000 रुपये से बढ़ा कर 5000 रुपये करने की मांग की गई थी जिस पर पे कमीशन में कोई ध्यान नहीं दिया गया. वहीं दिव्यांग कर्मियों की कई अन्य मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसी के कर्मियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा ह

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे के दिव्यांग कर्मियों की ये हैं प्रमुख मांगें

भारतीय रेलवे में सभी दिव्यांग कर्मचारियों को उत्तर रेलवे के समान पदोन्नति में 03 फीसदी आरक्षण दिया जाए.

रेलवे प्रशासन दिव्यांग कर्मियों की यूनियन से वार्ता प्रारंभ करे.

सभी सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर 01.01.1996 से रोस्टर बना कर बैकलॉग भरा जाए.

कर्मचारी हित निधि कमेटी में दिव्यांग एसोसिएशन के प्रतनिधियों को भी शामिल किया जाए.

मूक व बधिर कर्मचारियों के लिए समस्य जोनल रेलवे के प्रधान कार्यालयों एवं मंडल कार्यालयों में कम से कम एक सांकेतिक भाषा दुभाषिया का पद सृजित किया जाए.

right of person with disability act 2017 को सभी जोनल रेलवे में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.

सभी विकलांग कर्मियों को दिए जाने वाले सुविधा पास पर समान श्रेणी में एक सहायक की सुविधा प्रदान की जाए.

पुरानी पेंशन स्कीम को ले कर तेज हुआ आंदोलन

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यूपी में लाखों सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. यूपी के कर्मचारी संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली की मांग कर रहे हैं. इसके लिए सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं. उन्‍होंने 1 माह तक जेल भरो आंदोलन चलाकर गिरफ्तारियां दीं. इसमें यूपी के सभी 75 जिलों से लाखों कर्मचारी व शिक्षक शामिल हुए थे. बीती 5 फरवरी को संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के पुरानी पेंशन बहाली अभियान के तहत डिस्ट्रिक्‍ट लेवल पर हजारों शिक्षकों-कर्मचारियों ने पूरे यूपी में गिरफ्तारियां दीं. इसके तुरंत बाद सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव कार्मिक मु‍कुल सिंघल ने एस4 के शिष्‍टमंडल को बातचीत के लिए बुलाया. इस वार्ता में एस4 के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी और प्रदेश संयोजक सुशील कुमार पांडेय ने कर्मचारियों की मांग सरकार के सामने रखी.

NPS मानने से किया इनकार

एस4 के महासचिव आरके निगम ने बताया कि संगठन की ओर से सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग रखी गई. बैठक में प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2019 से नई पेंशन योजना (NPS) में संशोधन का फैसला किया है. इसके लिए वित्‍त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है. प्रमुख सचिव ने बातचीत के दौरान उस नोटिफिकेशन की प्रति कर्मचारी नेताओं को दी और गुजारिश की संगठन इस पर विचार करे. लेकिन एस4 ने इससे इनकार कर दिया. एस4 के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि हमारा संगठन OPS की बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है. हमें NPS या इसमें संशोधन कतई स्‍वीकार नहीं है.

सरकार ने बनाया दबाव

सरकार की ओर से बातचीत कर रहे प्रमुख सचिव ने संगठन पर दबाव बनाया कि वे केंद्र सरकार के NPS में संशोधन के प्रस्‍ताव पर फिर से विचार करें. इस पर एस4 के प्रदेश संयोजक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि आपके विशेष अनुरोध पर एस4 का संयोजक मंडल NPS में संशोधन पर विचार करेगा. लेकिन संगठन की यह मांग नहीं है. सरकार को हर हाल में पुरानी पेंशन योजना लागू करनी होगी.