Sovereign Gold Bond: चालू वित्त वर्ष के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चौथी सिरीज में निवेश का आज आखिरी मौका है. इसका सब्सक्रिप्शन 6 मार्च को खुला था और यह 10 मार्च को बंद हो रहा है. प्रति ग्राम कीमत 5611 रुपए है. अगर कोई निवेशक ऑनलाइन अप्लाई करता है और डिजिटल पेमेंट करता है तो उसे प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट मिलेगी. ऐसे निवेशकों के लिए इश्यू प्राइस 5561 रुपए प्रति ग्राम होगा. निवेशक कम से कम 1 ग्राम इसमें निवेश कर सकता है. आज इस बॉन्ड को शाम 5 बजे तक खरीदा जा सकता है. 

Sovereign Gold Bond benefits

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अन्य बेनिफिट्स की बात करें तो निवेशक को हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. इसकी मैच्योरिटी अवधि 8 सालों की होती है. ऐसे में कुल इंटरेस्ट 20 फीसदी का मिलेगा. मैच्योरिटी पर 999 प्योरिटी वाले गोल्ड की जो कीमत होगी, उस आधार पर इसे रिडीम कराया जा सकता है. इसमें कैपिटल गेन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है. आपको Sovereign Gold Bond में निवेश करना चाहिए या नहीं यह अहम सवाल है. आइए उन 5 कारणों को जानते हैं जो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है.

1>>ICICI Direct की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2020 में सोना 56018 के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. ब्रोकरेज का मानना है कि अगले 2-3 साल में सोना 68000 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है.

2>> अपने देश में गोल्ड का क्रेज हमेशा से रहा है और औसतन इसने अच्छा रिटर्न दिया है. 1970S से अब तक इंडियन करेंसी के आधार पर सोना ने सालाना आधार पर 8.8 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. ऐसे में 8 साल के बाद जब इस बॉन्ड को रिडीम किया जाएगा तो अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है.

3>> साल 2022 में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने बड़े पैमाने पर गोल्ड में खरीदारी की. पिछले साल सेंट्रल बैंकों ने कुल 1136 टन सोने की खरीद की. यह रिकॉर्ड आंकड़ा है. दुनिया में जारी अनिश्चितता के कारण cy2022 की तीसरी और चौथी तिमाही में गोल्ड में बड़े पैमाने पर खरीदारी की गई.

4>>पोर्टफोलियो एलोकेशन स्ट्रैटिजी के तहत ब्रोकरेज की सलाह 5-15 फीसदी गोल्ड में निवेश की होती है. इसकी सलाह है कि पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए कम से कम 10 फीसदी गोल्ड में अभी भी निवेश करना चाहिए. बात जब गोल्ड में निवेश की है तो Sovereign Gold Bond सबसे शानदार तरीका है, क्योंकि इसमें 20 फीसदी ब्याज के रूप में अलग से मिलता है.

5>>डॉलर की महत्ता हर कोई जानता है. इसे दुनिया की रिजर्व करेंसी के रूप में देखा जाता है. गोल्ड में निवेश करना एक तरह से अपने पोर्टफोलियो में डॉलर को शामिल करने जैसा है. ऐतिहासिक तौर पर पिछले 50 सालों से लगातार रुपया हर साल 4 फीसदी कमजोर हो रहा है. ऐसे में डॉलर में निवेश का होना बाय डिफॉल्ट 4 फीसदी का रिटर्न दे रहा है.

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