20% का ब्याज, मैच्योरिटी पूरी तरह टैक्स फ्री, जानिए Sovereign Gold Bond में निवेश के 5 प्रमुख फायदे
Sovereign Gold Bond: आज सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का आखिरी मौका है. इस स्कीम में निवेश करने पर हर साल 2.5 फीसदी का अश्योर्ड रिटर्न मिलेगा. इसके अलावा मैच्योरिटी पर सोने की उस समय की कीमत के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
Sovereign Gold Bond Last Date: गोल्ड निवेश का परंपरागत साधन है. जो निवेशक फिजिकल गोल्ड (Gold investment) नहीं खरीदना चाहते हैं, उनके लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक शानदार स्कीम है. आज वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज में निवेश का आखिरी मौका है. निवेश के लिए यह स्कीम बहुत शानदार मानी जाती है. आठ सालों में कुल 20 फीसदी का अश्योर्ड रिटर्न मिलता है. आज इसका सब्सक्रिप्शन बंद हो जाएगा. 30 अगस्त को इसे इश्यू किया जाएगा. गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के पांच प्रमुख फायदों के बारे में जानते हैं.
2.5 फीसदी का अश्योर्ड रिटर्न
अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करते हैं तो हर साल 2.5 फीसदी का अश्योर्ड रिटर्न मिलेगा. इसका भुगतान छमाही आधार पर किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स लगता है. इंट्रेस्ट इनकम आपकी टोटल इनकम में जुड़ जाती है और आप जिस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, उस हिसाब से टैक्स भरना होगा. हालांकि, मैच्योरिटी पूरी तरह टैक्स फ्री होता है.
स्टोरेज का झंझट नहीं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर स्टोरेज का झंझट नहीं रह जाता है. एक तरीके से यह वर्चुअल गोल्ड में निवेश करने जैसा है. जब आप गोल्ड ज्वैलरी खरीदते हैं तो 3 फीसदी का जीएसटी लगता है. इसके अलावा मेकिंग चार्ज भी लगता है. यह गोल्ड की कीमत का 8-12 फीसदी तक होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर इन तरह के चार्जेज से बच जाते हैं. इसके अलावा घर या बैंक के लॉकर में इसे सुरक्षित रखने का भी झंझट नहीं रह जाता है.
मैच्योरिटी पूरी तरह टैक्स फ्री
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी आठ सालों की होती है. हालांकि, पांच साल पूरा होने के बाद इस स्कीम से बाहर निकला जा सकता है. अगर कोई निवेशक आठ साल के बाद इस स्कीम से निकलता है तो मैच्योरिटी बेनिफिट पूरी तरह टैक्स फ्री होगा. आठ साल बाद सोने की जो कीमत होगी, उस हिसाब से भुगतान किया जाएगा. हालांकि, मैच्योरिटी से पहले बॉन्ड रिडीम कराने पर कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है.
999 प्योरिटी वाले गोल्ड की शुद्धता
जब आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो शुद्धता को लेकर संशय बना रहता है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की गारंटी होती है. जब इस बॉन्ड को रिडीम किया जाता है तो उस समय 999 प्योरिटी वाले गोल्ड की क्या कीमत है, उस आधार पर भुगतान किया जाएगा.
जरूरत के वक्त लोन आसानी से मिल जाएगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बात करें तो यह लिक्विड होता है. एक्सचेंज पर इसे आसानी से ट्रेड किया जा सकता है. जब कभी फंड की जरूरत होगी इसके आधार पर लोन भी आसानी से मिल जाएगा. इस स्कीम में कम से कम 1 ग्राम निवेश किया जा सकता है. अधिकतम 4 किलोग्राम तक निवेश किया जा सकता है. निवेश के आधार पर देखिए तो हर साल 2.5 फीसदी का रिटर्न मिलता है. आठ सालों में 20 फीसदी रिटर्न मिलेगा. यह पूरी तरह गारंटीड है. इसके अलावा सोने में तेजी का फायदा अलग मिलेगा. कुल मिलाकर यह निवेश के लिए सुरक्षित और शानदार स्कीम है.
ऑनलाइन खरीदने पर 500 रुपए प्रति दस ग्राम का एडिशनल लाभ
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई स्कीम के लिए इश्यू प्राइस 5197 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है. अगर इस स्कीम के तहत ऑनलाइन एप्लिकेशन और पेमेंट किया जाता है तो 50 रुपए प्रति ग्राम का डिस्काउंट मिलेगा. एक तोला पर यह डिस्काउंट 500 रुपए का होगा. ऐसे ग्राहकों के लिए कीमत 5147 रुपए प्रति ग्राम होगी. फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करने के लिए मोदी सरकार नवंबर 2015 में गोल्ड बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी.