पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर में वर्किंग कल्चर को लेकर कुछ चर्चाएं चल रही हैं. कोविड के बाद से कुछ सेक्टरों में तेजी से इस्तीफों का दौर शुरू हुआ है, जिसे Great Resignation टर्म दिया गया है. इस बीच इसपर भी चर्चा हो रही है कि एम्पलॉईज़ और एम्पलॉयर के बीच में ऑफर लेटर या रेजिग्नेशन लेटर को लेकर कम्युनिकेशन कैसा होना चाहिए.

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पिछले दिनों Ease My Trip के को-फाउंडर ने एक ट्वीट में हायरिंग के ठीक पहले ऑफर लेटर रिजेक्ट करने वाले एक कैंडिडेट का मैसेज शेयर करके यह टॉपिक उठाया था. उन्होंने कहा था कि एम्पलॉयर के सामने यह एक बड़ी समस्या पैदा हो रही है कि कैंडिडेट जॉइनिंग से ठीक पहले ऑफर लेटर ठुकरा देते हैं. इससे उनकी हायरिंग में लगा टाइम, एफर्ट और रिसोर्स सब बरबाद हो जाता है.  इसपर कुछ काउंटरअटैक भी आए थे.

अब एक कंपनी है, जिसने इस पूरे विवाद से उलट जाकर अनाउंसमेंट की है. यूएस की मार्केटिंग बेस्ड कंपनी है Gorilla 76. कंपनी के फाउंडर हैं Jon Franko और उनका ही LinkedIn पोस्ट वायरल हो रहा है.

https://www.linkedin.com/posts/jonfranko_companyculture-activity-6975113535303360512-EWip 

लोगों में कंफ्यूज़न, उठे कई तरह के सवाल

उनके इस पोस्ट पर कई तरह के रिएक्शन आए हैं. कुछ लोगों ने इस अलग अप्रोच बताकर इसकी तारीफ की है. वहीं, कुछ लोगों ने कई तरह के सवाल भी पूछे हैं. एक यूज़र ने पूछा कि गोरिल्ला 76 कितनी बड़ी कंपनी है और अब तक कितने कर्मचारियों ने इस पॉलिसी का फायदा उठाया है.

वहीं, कुछ लोगों ने पूछा कि तब क्या होगा अगर वो कर्मचारी अपना मन बदल लें या फिर उन्हें कोई और नौकरी न मिले. और अगर ऐसी स्थिति में वो कंपनी में बने रहना चाहें तो? एक यूजर ने यह भी कहा कि अगर कोई 20 से 30% के हाइक के साथ कहीं जा रहा है तो वो 10% के लिए एक महीना और रुककर अपना नुकसान क्यों कराया कराएगा?